हाईस्कूलों में 6421 प्रधानाध्यापक पदों के लिए हुई परीक्षा में 13055 शिक्षक अभ्यर्थी शामिल हुए, लेकिन मात्र 421 ही सफल हो सके। परीक्षा में शामिल 87 अभ्यर्थियों की पात्रता इसलिए रद्द कर दी गई, क्योंकि ओएमआर उत्तर पत्र में प्रश्न पुस्तिका शृंखला अंकित ही नहीं किया था। बीपीएससी ने गुरुवार को रिजल्ट जारी कर दिया। प्रधानाध्यापक लिखित (वस्तुनिष्ठ) परीक्षा 31 मई को पटना के 25 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई थी।

सामान्य अध्ययन के 100 प्रश्न 100 अंक के, बीएड कोर्स से संबंधित 50 प्रश्न 50 अंक के पूछे गए थे। एक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक काटने का प्रावधान था। अनारक्षित वर्ग के विरूद्ध चयनित 415 अभ्यर्थियों में सामान्य वर्ग के 99, एससी के 21, एसटी के 1, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 103, पिछड़ा वर्ग के 140 उम्मीदवार हैं।

अनारक्षित कोटि के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम कट ऑफ 48
कटऑफ: सामान्य या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों के लिए 40 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों के लिए 36.5 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों के लिए 34 प्रतिशत और एससी, एसटी, महिला और दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए 32 प्रतिशत न्यूनतम अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को संयुक्त मेधा सूची में शामिल किया गया है।

मेधा सूची: संयुक्त मेधा सूची में उपलब्ध 13 दिव्यांग अभ्यर्थियों में से 10 दिव्यांग उम्मीदवार क्षैतिज आरक्षण के आधार पर चयन सूची में शामिल हैं जिसमें से 4 अभ्यर्थी अनारक्षित कोटि, 4 अभ्यर्थी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और 2 अभ्यर्थी पिछड़ा वर्ग में शामिल हैं। शेष 3 अभ्यर्थी अनारक्षित कोटि में शामिल हैं।