Delhi: महँगाई के इस दौर मे पेसे कमा पाना बहुत ही मुश्किल है। यह बात सिर्फ वही लोग कहते है जिन्हें मौके का फायदा उठाना नहीं आता। आज के समय मे देखे तो ऐसे बहुत से आस पास उदाहरण हैं। जो यह साबित करते हैं की पेसा तो हमारे चारों तरफ है। बस हमे इसे समेटने की देर है। इसे हम बिहार के एक युवक के उदाहरण से भी समझ सकते है।

बिहार के युवक ने पुरानी जीन्स से खड़ा किया बिजनेस

बिहार (Bihar) के एक युवक जिसका नाम सिद्धांत (Siddhant) है। उसने पुरानी जीन्स का सही उपयोग करके पूरे 1.5 करोड़ का बिजनेस खड़ा किया। अगर हमारे पास अपनी पुरानी कोई जींस होती, तो हम लोग किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को दे देते।

बिहार के युवक ने ऐसा नहीं किया, बल्कि इसका ऐसा ईस्तेमाल किया कि करोडों का बिजनेस बन गया। बिहार के सिद्धांत के स्टार्टअप (Startup) की खास बात यह है कि यह पर्यावरण को बिल्कुल भी नुकसान नहीं पहुंचाता।

साल का टर्नओवर है, 1.5 Crore Ru

सिद्धांत ने आईआईटी (IIT) की हुई है। वह अभी दिल्ली में निवास करते हैं। डेनिम डेकोर से सिद्धांत कुमार (Siddhant Kumar) ने नया स्टार्टअप शुरू किया है। सिधांत इस स्टार्टअप में पुराने जींस की मदद से डोकोरेशन की आकर्षक नई चीजें बनाते है। सिद्धांत ने अब तक पुरानी जींस से 400 से ज्यादा Decoration के सामान बनाये है। इस स्टार्टअप का हर साल का टर्नओवर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये है।

माँ ने बेटे की तरक्की के लिए बेचे गहने

हर मां का सपना होता है मेरा बेटा इतनी तरक्की करे की उसके सारे सपने पूरे हो। ऐसे में एक मां से जो भी बन पड़ता है, वो अपने बेटे के लिए करती है। बिहार में रहने वाले सिद्धांत की मां ने भी ऐसा ही कुछ किया। आर्थिक तंगी के कारण जब सिद्धांत के पिताजी ने सिद्धांत को आगे की एजुकेशन दिल्ली में करने से मना कर दिया। तब इस मां ने अपने गहने बेचकर बेटे को दिल्ली भेजा।

दिल्ली मे अपना खर्च चलाने के लिए किया पेंटिंग का काम

सिद्धांत ने Fine Arts And Design कोर्स पटना में 2004 से 2006 तक किया है। उसके बाद वे दिल्ली पहुंच गए। हालाकि दिल्ली जाकर पढ़ाई करना उनके लिए आसान नहीं था। सिद्धांत जब Fine Arts And Design का कोर्स कर रहे थे। तब उनके फ्रेंड्स ने बताया कि पटना में जिस कॉलेज से वो ये कोर्स कर रहा है। वहाँ प्लेसमेंट नहीं मिलता।

इसी वजह से सिद्धांत ने दिल्ली जाने का सोचा। दिल्ली में सिद्धांत कि संघर्ष पूर्ण जिंदगी रही। अपने खर्चों को पूरा करने के लिए रात के समय बार में तथा पेंटिंग का काम भी किया। सिद्धांत ने जामिया मिल्लिया इस्लामिक कॉलेज से स्नातक किया है।

पिता नहीं चाहते थे कि सिद्धांत दिल्ली जाए

जब सिद्धांत ने दिल्ली जाने का Decision लिया तो उनके पिता ने इस फेसले को सही नहीं माना। सिधांत के घर की स्थिति आर्थिक रूप से काफी खराब थी। इस कारण उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह दिल्ली जाए।

पिता ने जब साथ नहीं दिया तो उनकी मां ने अपने बेटे को दिल्ली भेजने के लिए अपने गहने बेच दिए। उसके बाद सिधांत पढ़ने के लिए दिल्ली पहुंचे गए। तो जीवन का संघर्ष पहले से कई गुना बढ़ गया।

अपना खर्च चलाने और पढ़ाई के लिए पेसे जुटाने के उद्देशय से सिद्धांत ने घर तथा बंगले में पोताई रंगाई का काम किया। इस कार्य के अलावा सिद्धांत ने बार में तक काम किया।

पहला स्टार्टअप करना पड़ा था बंद

2010 में सिधांत ने फाइन आर्ट की अपनी पढ़ाई पटना से कंप्लीट की। फिर सिधांत ने IIT बॉम्बे से डिजाइन मे मास्टर किया। फिर सिधांत ने बेंगलुरु मे कंपनी में जॉब की। नौकरी छोड़ सिधांत दिल्ली आ गए। सन 2013 में एजुकेशनल गेम्स डिजाइन का स्टार्टअप सिधांत ने शुरू किया। लेकिन कुछ दिक्कतों की वजह से सिद्धांत को यह बंद करना पड़ा।

लोगों की तारीफ से मिली प्रेरणा

इस स्टार्टअप के बंद होने के बाद सिधांत के मन में नया आइडिया आया। उन्होंने एक बार यू ही अपने घर की दीवारों को डेकोरेट करने के लिए पुरानी जींस (Old Jeans) से कुछ बनाया। उन्होंने जिस तरह दीवार को Decorate किया। वह लोगों को बहुत पसंद आया। उन्हें लोगों से खूब तारीफें मिलने लगीं। इस चीज से ही प्रेरणा लेकर सिद्धांत ने पुरानी जींस से नया सजाने की चीज बनानी शुरू की।

डेनिम डेकोर से मिली नई पहचान

सिद्धांत ने पुरानी जीन्स से Decorate करने का समान बनाना शुरू किया। इस स्टार्टअप के लिए सिधांत ने अपने आसपास के लोगों से पुरानी जींस मांगी। फिर सिद्धांत ने पुरानी चीजें जैसे केतली लालटेन खरीद कर लगभग 50-60 यूनीक डेकोरेटिव्स बनाये। फिर सिद्धांत ने दिल्ली के सिटी मॉल पर एक स्टॉल लगाया।

मॉल में सिधांत को बहुत ही अच्छा रिस्पॉन्स मिला। जिसके बाद सिद्धांत ने मन बनाया की वह अब इस काम से एक नया स्टार्टअप शुरू करेंगे। उनके नए स्टार्टअप (Denim Decor) ने जल्द ही रफ़्तार पकड़ ली और बहुत ही कम समय मे उनके स्टार्टअप की पहचान देश के कोने कोने मे होने लगी। आज सालाना सिधांत के बिजनेस का टर्नओवर 1.5 Crore होता है।