अगर आपको लाखों का पैकेज मिले तो शायद ही आप उस नौकरी को छोड़ने के बारे में सोचेंगे. वहीं नौकरी छोड़कर दोबारा पढ़ाई करने के बारे में सोचना तो और मुश्‍किल हो जाएगा लेकिन इन सबके बीच में एक ऐसे शख्‍स हैं, जिन्‍होंने न इस बारे में सोचा बल्‍कि कर भी दिखाया है. मुजफ्फरपुर के अभिनव कुमार ने साबित कर दिया कि अगर हौसला हो तो कुछ भी किया जा सकता है. संघ लोक सेवा आयोग यानि UPSC द्वारा आयोजित आईएएस की परीक्षा में पूरे देश में 146वां स्थान प्राप्त किया है.

अभिनव कुमार की शुरुआती पढ़ाई मुजफ्फरपुर से हुई. पिता सरकारी शिक्षक थे. अभिनव मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं. इंटर करने के बाद वह तैयारी करने कोटा चले गए और आईआईटी रुड़की से 2011 में आईआईटी पास किया. फिर प्राइवेट कंपनी में बंगलोर और फिर दिल्ली में जॉब शुरू की. अभिनव कुमार का पैकेज 24 लाख था लेकिन उसका लक्ष्य यूपीएससी करना था. सो नौकरी छोड़कर फिर तैयारी करने लगा. पिता ने कहा कि हम पेंशन से तुमको मदद करेंगे तुम तैयारी करो. माता-पिता का कहना है कि अब इसकी शादी करेंगे वह भी आदर्श शादी मतलब बिना दहेज की शादी कराएंगे.

बता दें कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 के अंतिम परिणाम में कुल 685 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है. जिसमें 508 पुरुषों और 177 महिलाओं ने क्वालीफाई किया है. बिहार के भी कई छात्र-छात्राओं ने इसमें अपनी जगह बनायी है. सबसे मजेदार बात यह है कि यूपीएससी द्वारा घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2021 के टॉप-3 में लड़कियों श्रुति शर्मा, अंकिता अग्रवाल और गामिनी सिंगला ने बाजी मारी है. वर्ष 2020 में यूपीएससी में बिहार के शुभम ने पहला रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया था.