मुजफ्फरपुर में औद्योगिक गतिविधियों में इजाफा हो रहा है। यहां औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में अब मोतीपुर औद्योगिक क्षेत्र में एक और इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जाएगा। मोतीपुर में स्मॉल मशीन मैन्युफैक्चरिंग पार्क बनेगा। इसकी स्थापना के लिए बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार यानी बियाडा से स्वीकृति भी मिल चुकी है। इसके साथ ही मोतीपुर औद्योगिक क्षेत्र में 24 एकड़ जमीन को चिह्नित किया गया है। इस स्मॉल मशीन मैन्युफैक्चरिंग पार्क में लघु उद्योगों में इस्तेमाल होने वालीं मशीनें बनाई जाएंगी।

इस औद्योगिक पार्क में फूड प्रोसेसिंग, प्लास्टिक, रेडिमेट कपड़े सहित छोटे-मोटे उद्योग में प्रयोग होने वाली मशीनों को एस्मबल किया जाएगा। पैकिंग मशीन, भोज पत्ता बनाने वाली मशीन, स्लीपर मेकिंग, फ्लई ऐश ईंट, गिलास, प्लास्टिक बोतल, आटा चक्की, रोटी मेकिंग, खाद्य तेल रिफायनरी, पॉपकॉर्न, जूस पैकिंग, पानी पाउच पैकिंग, बिंदी, अगरबत्ती आदि बनाने वाली मशीनों की मैन्युफैक्चरिंग होगी। इसके अलावा मोतीपुर में एक फूड पार्क की भी स्थापना होनी है।

मेगा फूड पार्क बनने का रास्ता साफ
यहां मेगा फूड पार्क बनाने का रास्ता साफ हो गया है। दिल्ली में खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की बैठक में अंतर मंत्रालयी अनुमोदन समिति (आईएमएसी) ने इसकी मंजूरी दे दी है। जिले के मोतीपुर ब्लॉक में मेगा फूड पार्क बनाया जाएगा। इसका निर्माण 143.96 एकड़ जमीन पर होना है। इस पर 180.56 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। केंद्र सरकार की ओर से मोतीपुर में मेगा फूड पार्क बनाने के लिए 45 करोड़ रुपए ही दिए जाएंगे।

इस बारे में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने बताया कि बिहार का औद्योगिक विकास सही रास्ते पर बढ़ रहा है। मोतीपुर में मेगा फूड पार्क से इलाके के लोगों के साथ ही पूरे बिहार को फायदा होगा। शाहनवाज ने फूड पार्क को मंजूरी देने के लिए केंद्र सरकार एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति पारस का आभार जताया। गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर में मेगा फूड पार्क बनाने के लिए कई बड़ी कंपनियां रुचि दिखा चुकी हैं। कुछ कंपनियों को जमीन भी आवंटित कर दी गई है। शेष कंपनियां राज्य सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहीं हैं। पार्क में केवल फूड प्रोसेसिंग कंपनियां ही रहेंगी। 2021 के फरवरी में इसके लिए मुजफ्फरपुर का चुनाव हुआ था।