ये गौरव पांडे हैं। यूपीएससी क्लियर कर इन्होंने 168 रैंक हासिल किया है। लेकिन ये सफलता इनके लिए कतई आसान नहीं थी। इन्हें यूपीएससी परीक्षा को पास करने के लिए न सिर्फ मेहनत करना पड़ा बल्कि परीक्षा हॉल में 6 घंटे भीगे हुए कपड़े पहनकर परीक्षा देना पड़ा। बुखार में यूपीएससी की परीक्षा देना और इसे क्लियर करना इनके लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। लेकिन कहते हैं कि लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होगी। ये लाइन बिल्कुल फिट बैठती है यूपी के भदोही के गौरव पांडे पर।

एक इंटरव्यू में गौरव ने बताया कि जनवरी 2021 का वक्त था। लॉकडाउन लगा हुआ था। संयोग ऐसा था कि दिल्ली में भयंकर तेज बारिश हो रही थी। सुबह 7 बजे पेपर था। न कोई गाड़ी मिल रही थी और न ही कैब। सालों की मेहनत बेकार कैसे जाने देता। मैं मेट्रो तक किसी तरह पहुंचना चाहता था। वहां तक जाते-जाते मैं बारिश में पूरी तरह से भीग चुका था। ठंडी के मौसम में भीगे कपड़े और 6 घंटे उन्ही भीगे हुए कपड़ों में परीक्षा देना बहुत मुश्किल था। मेरे मोजे तक भीगे हुए थे। लेकिन मैं अपने सपनों को टूटते नहीं देखना चाहता था।

मैं परीक्षा देकर घर पहुंचा, तो मुझे तेज बुखार आ चुका था। परीक्षा लंबी चलती है। मुझे करीब 102-103 डिग्री बुखार था। इस तपते शरीर में मैंने परीक्षा दिया। परीक्षा खत्म हो गया, लेकिन मेरा बुखार कम नहीं हुआ। बीच-बीच में तो मुझे उल्टी हो जाती और खांस-खांस कर खून निकल जाता। लेकिन इसके बावजूद मैंने हार नहीं मानी और डटा रहा।

मैंने जांच कराया तो पता चला मुझे कोरोना हो गया है। हालांकि मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी, क्योंकि मैं घर से निकलता नहीं था। लेकिन इस कठिन दौर से बाद भी मेरे परीक्षा परिणाम से मैं बेहद खुश हूं। मैं खुद को बेहद खुशकिस्मत मानता हूं। मेरे दादाजी का सपना था कि मैं आईएएस बनूं। मुझे आईपीएस मिल सकता है लेकिन मैं फिर भी कोशिश करूंगा कि मैं आगे और सफल हो सकूं। लेकिन मैं इस सफलता पर सभी को धन्यवाद करना चाहता हूं।