यूपीएससी में 253वीं रैंक लाने वाले आयुष भदौरिया ग्वालियर में रहते हैं। उन्होंने बिना कोचिंग घर पर तैयारी करके यूपीएससी की परीक्षा पास की। उन्होंने अन्य लोगों के सामने ये मिसाल पेश की कि कभी हार न मानें। बता दें, आयुष ने ये सफलता 5वें प्रयास में हासिल की है। एक दौर वो भी आया था जब आयुष खुद निराश हो गए थे लेकिन परिवार ने उनका हौंसला बढ़ाया और कमाल हो गया। आयुष ने बिना कोचिंग के घर पर रोज 12 घंटे की पढ़ाई की और मोबाइल से दूरी बना ली थी। गौरतलब है कि आयुष के पिता बिजली विभाग में अधिकारी हैं और मां निशा भदौरिया हाउस वाइफ हैं। आयुष की मां को जब उनके बेटे की खुशखबरी लगी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

इंसान अगर हिम्मत न हारे तो वह आखिरी लम्हे में भी बड़ी कामयाबी हासिल कर सकता है। इस बात को साबित कर दिखाया ग्वालियर के आयुष भदौरिया ने। यूपीएससी में पहले तीन प्रयासों में इंटरव्यू तक पहुंचे आयुष को चौथे प्रयास में भी नाकामी मिली। उस वक्त लोगों ने उन्हें कुछ और करने की सलाह दी थी। लेकिन, आयुष हारे नहीं और पांचवीं कोशिश की। इसमें उन्होंने देश में 253वी रैंक हासिल की। खास बात यह है कि आयुष ने ये कारनामा बिना किसी कोचिंग के कर दिखाया।
ग्वालियर के तुलसी विहार इलाके में रहने वाले आयुष भदौरिया भदोरिया ने ये उपलब्धि हासिल कर परिवार और समाज का गौरव बढ़ाया है। बता दें, जब आयुष को चौथे प्रयास में भी सफलता नहीं मिली थी, तो वे निराश हो गए थे। वे असमंजस में थे कि मन में उठ रहे विचारों को किसके साथ साझा करें। इतना ही नहीं, उस वक्त उन्हें कई लोगों ने यूपीएससी छोड़कर अन्य काम करने की सलाह तक दे डाली थी।
लेकिन परिवार ने आयुष का हौंसला बढ़ाया और उसके बाद आयुष ने तय कर लिया कि 5 वां उसके लिए आखिरी अटेम्प्ट होगा। इसमें वे पूरे दम से तैयारी कर कामयाबी हासिल करेंगे। आखिर में आयुष ने यह कर भी दिखाया। आयुष ने बिना कोचिंग के घर पर रोज 12 घंटे की पढ़ाई की और मोबाइल से दूरी बना ली थी। गौरतलब है कि आयुष के पिता बिजली विभाग में अधिकारी हैं और मां निशा भदौरिया हाउस वाइफ हैं। आयुष की मां को जब उनके बेटे की खुशखबरी लगी तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने आयुष को आशीर्वाद दिया, तिलक लगाया और मिठाई खिलाई. घर का माहौल अचानक बदल गया।
पड़ोसियों को भी गर्व
आयुष के इस कमाल पर पड़ोसी भी बेहद खुश हैं। पड़ोसी बृजपाल सिंह कुशवाहा का कहना है कि आज के दौर में आयुष ने बिना कोचिंग के ही यूपीएससी पास किया। यह कोई छोटी बात नहीं। ये गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि बिना कोचिंग के पढ़ाई कर आयुष ने दूसरे बच्चों के सामने मिसाल पेश की है। बता दें, मोहल्ले में जैसे ही आयुष की खबर पहुंची, लोग बधाई देने उसके घर जाने लगे।