पटना मेट्रो को जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी (जाइका) से जल्द ही ऋण मिल सकता है। जाइका की केंद्रीय टीम अगले छह माह तक पटना में ही कैंप करेगी। इस दौरान टीम पटना मेट्रो की पूरी व्यवस्था का आकलन आकलन करेगी और तकनीकी सलाह उपलब्ध कराएगी। टीम के सदस्य पटना मेट्रो के लिए प्रस्तावित दोनों रूट पर पाइलिंग से लेकर स्टेशन व डिपो निर्माण कार्यों का अध्ययन करेंगे।

सरकार की हिस्‍सेदारी केवल 40 प्रत‍िशत 

पटना मेट्रो के काम का बड़ा हिस्सा साफ्ट लोन के जरिए पूरा किया जाना है। पटना मेट्रो निर्माण की लागत करीब 13,925 करोड़ रुपये है। इसमें केंद्र व राज्य सरकार की हिस्सेदारी मात्र 20-20 प्रतिशत है। शेष 60 प्रतिशत राशि वित्तीय संस्थाओं से साफ्ट लोन के रूप में मिलना है। जाइका ने इसके लिए रुचि दिखाई है। 

अंडरग्राउंड रूट के काम में आएगी तेजी

वर्तमान में कंकड़बाग के मलाही पकड़ी से नए बस स्टैंड तक पटना मेट्रो की प्राथमिकता वाले रूट का काम सबसे तेजी से चल रहा है। यह पूरा कोरिडोर एलिवेटेड हैं। इसके अलावा बेली रोड, गांधी मैदान के आसपास भी काम शुरू किया गया है। जाइका से वित्तीय सहयोग मिलते ही अंडरग्राउंड रूट का काम तेजी से शुरू होगा। मीठापुर से पटना चिडिय़ाघर और पटना चिडिय़ाघर से पाटलिपुत्र स्टेशन (बेली रोड) तक अंडरग्राउंड रूट पर करीब 2,110 करोड़ रुपये खर्च होने हैं, जिसके लिए जाइका के फंड का इंतजार किया जा रहा है।

  • मेट्रो निर्माण कार्य के अध्ययन के लिए आएगा जापानी दल
  • पटना मेट्रो प्रोजेक्‍ट के लिए जल्द ही ऋण मंजूर होने की उम्मीद

खोजा जा रहा जापानी रसोइया

पटना में कैंप करने वाले जाइका दल को जापानी खाना मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए पटना मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड जापानी खाने बनाने वाले रसोइया को ढूंढ रहा है। कंपनी ने बकायदा जापानी खाना बनाने वाले रसोइए के लिए टेंडर निकाला है।