कहते हैं जब अंदर कुछ करने का जज्बा हो तो फिर कोई भी मुसीबत आपकी सफलता के रास्ते का बाधक नहीं बनती है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया लखीसराय जिले के वार्ड नंबर-8 निवासी विजय कुमार पंडित के होनहार पुत्र जयनंदन कुमार पंडित ने. बिहार बोर्ड के मैट्रिक का परिणाम घोषित हो गया है. जिसमें जयनन्दन ने कुल 500 अंक में 484 अंक प्राप्त कर राज्य में तीसरा स्थान प्राप्त किया है. जयनंदन के इस उपलब्धि से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. परिजन एक दूसरे को मिठाई खिला कर अपनी खुशियां साझा कर रहे हैं.

सफलता के पीछे छिपी है संघर्ष की कहानी
जयनंदन पुरानी बाजार उच्च विद्यालय लखीसराय के छात्र हैं. इनकी पारिवारिक पृष्ठ भूमि को अगर बात करें तो जयनंदन के पिता एक पान का दुकान चलाते हैं और मिट्टी का बर्तन बना कर बेचते हैं . इसी से वह अपने पूरे परिवार का भरण पोषण करते हैं इतने गरीबी के बाबजूद भी जयनंदन अपने लक्ष्य को साधने में कामयाब रहे. परिवार में माता- पिता और अन्य पारिवारिक सदस्य के अलावा इनकी दो बहने हैं जो पढ़ाई में इनको बहुत मदद करती थी. इसके साथ खास बात यह रहा की घर में सुविधाओं का आभाव था फिर भी पढ़ाई का माहौल हमेशा बना रहता था. जो जयनंदन को लक्ष्य साधने में काफी मददगार साबित हुआ. जिसे बाद वह पूरे बिहार में अपना परचम लहराने में कामयाब हुए.

यूट्यूब ने निभाया कामयाबी में अहम रोल
जहां लोग यूट्यूब को महज मनोरंजन का जरिया समझते हैं, वहीं जयनंद ने यूट्यूब का बेहतर इस्तेमाल करते हुए इसे पढ़ाई किया और पूरे बिहार को अपने परीक्षा के परिणाम से चौका दिया है. जयनंदन बताते हैं कि उन्होंने स्कूल और कोचिंग के अलावा यू ट्यूब को अपने पढ़ाई का माध्यम बनाया जो काफी मददगार साबित हुआ. जयनंदन ने यूट्यूब के सहायता से तीन अहम विषय विज्ञान, हिंदी और संस्कृत की पढ़ाई कर सफलता प्राप्त की.

आईआईटी क्रैक करने की अब है तैयारी
मैट्रिक परीक्षा के परिणाम में टॉप थ्री में अपना जगह बनाने के बाद अब जयनंदन ने अपनी नई लक्ष्य को साधने की तैयारी मन बना लिया है और मंजिल को फतह करने के उत्साह से लबरेज भी हैं. जयनंदन बताते हैं कि आगे उन्हें आईआईटी करके देश सेवा में अपना योगदान देना है. आईआईटी में वो कंप्यूटर साइंस को चुना है क्योंकि वो बताते हैं की मैं अपने आप को बेहतर जानता हूं मेरा दिमाग हमेशा कुछ नया करने के बारे में सोचता रहा है, विज्ञान के नित्य नए अविष्कार मेरे मस्तिष्क में कौतूहल पैदा करता है. मैं अपने आप से अक्सर यह प्रश्न करता हूं की यह कैसे हुआ ? इसलिए मैं कंप्यूटर साइंस में बेहतर कर सकता हूं और अपने लक्ष्य को आसानी से भेद सकता हूं.