पटनाः सीबीएसई ने कक्षा 10वीं और 11वीं की राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम से गुटनिरपेक्ष आंदोलन, शीत युद्ध के युग, अफ्रीकी-एशियाई क्षेत्रों में इस्लामी साम्राज्यों के उदय, मुगल दरबारों का इतिहास और औद्योगिक क्रांति के अध्याय हटा दिए गए हैं। इसको लेकर बिहार में जेडीयू और बीजेपी की राय अलग-अलग है। जेडीयू का कहना है कि इसका कोई औचित्य नहीं है तो वहीं बीजेपी कह रही है कि अब बच्चे ओरिजिनल इतिहास को पढ़ेंगे।

बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) ने कहा कि उन्हें आधिकारिक तौर पर इस बात की जानकारी नहीं है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत में प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री संग्रहालय बनवाया है जिसे देखने और जानने के बाद आने वाली पीढ़ी को देश के इतिहास के बारे में पता चलेगा। गुट निरपेक्ष और मुगल शासनकाल को पढ़ कर बच्चे इतिहास के बारे में जानेंगे। समय के साथ तो पुरानी चीजें ऐसे भी भुलाई जाती हैं।

विजय चौधरी ने कहा कि गुट निरपेक्ष आंदोलन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाला आंदोलन है जिसके बाद शिमला समझौता हुआ था। आज भी जब पाकिस्तान से कोई बात होती है तो हम उन्हें शिमला समझौता की याद दिलाते हैं। आज हमें पुरानी बातों की जानकारी इसलिए है क्योंकि हम इतिहास को पढ़ते हैं, सिलेबस से इन विषयों को हटाना मुझे नहीं लगता कि इसका कोई औचित्य है। आज तक जितनी भी घटनाएं देश में हुईं इन सारी बातों की जानकारी हमें इतिहास से सीखने को ही मिलती है।

‘सीबीएसई में बैठे थिंक टैंक ने सुंदर कार्य किया’

इधर, बीजेपी के मंत्री जिबेश कुमार ने कहा कि जो भी इतिहास के अंदर झूठ परोसा गया है, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद से खिलवाड़ की गई, देश को अपमानित करने वाला इतिहास हमारे ही देश के नए जेनरेशन के नए बच्चों को पढ़ाया गया उसे निश्चित रूप से हटाना चाहिए। देश के गौरवशाली इतिहास को पढ़ाना चाहिए।

जिबेश कुमार ने कहा कि देश के योद्धाओं ने देश के लिए किस प्रकार कुर्बानी दी है उस इतिहास को महत्व देना चाहिए। सीबीएसई में बैठे जो लोग थिंक टैंक हैं, जो सिलेबस और बाकी चीजों को डिसाइड करते हैं उन्होंने बड़ा उत्तम और सुंदर कार्य किया है। आने वाले दिनों में जो देश का ओरिजिनल इतिहास है वो सीबीएसई के माध्यम से बच्चों तक जाएगा ये खुशी की बात है।