पटना. राष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) का एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के बारे में अपमानजनक बयान देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीजेपी ने इसके लिए तेजस्वी यादव की कड़ी आलोचना की है। दरअसल रविवार को तेजस्वी यादव से राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) का समर्थन करने और द्रौपदी मुर्मू को समर्थन नहीं देने के बारे में पूछा गया था जिस पर उन्होंने कहा कि हम राष्ट्रपति भवन में मूर्ति नहीं चाहते। किसी ने कभी उन्हें (द्रौपदी मुर्मू) कुछ बोलते सुना है? उन्होंने अपने नाम की घोषणा होने के बाद एक भी पत्रकार वार्ता को संबोधित किया है? हम सभी ने कम से कम यशवंत सिन्हा के बारे में सुना है और जानते हैं कि उनका क्या रुख है।

बीजेपी ने तेजस्वी के इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन पर हमला बोला है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने तेजस्वी यादव की मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का उदाहरण दिया। उन्होंने 1990 के दशक के अंत में चारा घोटाले में नाम आने पर लालू यादव के मुख्यमंत्री पद छोड़ने और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के अचानक राजनीति में प्रवेश करने का जिक्र करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव ने अपने परिवार में ही देखा है कि किस तरह एक अशिक्षित गृहिणी को पार्टी में अनेक अनुभवी नेताओं की अनदेखी कर सर्वोच्च पद पर बिठा दिया गया था।

एक आदिवासी महिला जो सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार जीत चुकी हो वह @yadavtejashwi जी को मूर्ति नजर आती है और अपने घर की महिला जिसे शपथ ग्रहण कराने के लिए किसी और को शब्द पढ़ना पड़े तो वह विद्वान!!
— Dr. Sanjay Jaiswal (@sanjayjaiswalMP) July 17, 2022
अनुसूचित जाति, जनजाति के विद्वान राष्ट्रपति भी बन जाए तो भी उनका अपमान। pic.twitter.com/yoqIuEASjI
जायसवाल ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू अपने दम पर यहां तक पहुंची हैं। वो पूर्व में ओडिशा विधानसभा की सदस्य के रूप में खुद को साबित कर चुकी हैं। उन्हें एक बार सर्वश्रेष्ठ विधायक का खिताब भी मिल चुका है। उन्होंने कहा कि झारखंड की राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल निर्विवाद और मिसाल की तरह रहा है इसलिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) भी उनका समर्थन कर रही है, जबकि वो एनडीए का हिस्सा नहीं है, लेकिन शायद तेजस्वी यादव अपनी मेहनत से यहां तक पहुंचीं महिला का सम्मान नहीं कर सकते।