पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बिहार की सियासत (Bihar Politics) में हलचल तेज है. ख़ास कर इस बात को लेकर की, क्या जल्द ही नीतीश कुमार (Nitish Kumar) राज्य की छोड़, केंद्र की राजनीति करने लगेंगे. अभी यह चर्चा चल ही रही थी कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर विपक्ष 2024 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारी के सिलसिले में नीतीश कुमार का चुनाव करता है तो वो ‘मजबूत’ उम्मीदवार हो सकते हैं. तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) ने नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर चुटीले अंदाज में निशाना साधा है.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार को लेकर प्रधानमंत्री पद की दावेदारी के बयान आ रहे हैं वो हास्यास्पद लग रहे हैं. पहले तो प्रधानमंत्री का पद खाली नहीं है. वहीं, मुझे तो ऐसा लगता है कि भारत में अब साप्ताहिक प्रधानमंत्री बनने की परिपाटी की शुरुआत होने वाली है जिसमें सोमवार को नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनेंगे, मंगलवार को अरविंद केजरीवाल बनेंगे, बुधवार को ममता बनर्जी, गुरुवार को सोनिया गांधी, शुक्रवार को राहुल गांधी, शनिवार को केसीआर प्रधानमंत्री होंगे यानी हफ्ते के हर दिन अलग-अलग प्रधानमंत्री बनेंगे. इस तरह की जो बातें आ रही हैं वो देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.

वहीं, तारकिशोर प्रसाद ने तेजस्वी यादव पर भी तंज कसते हुए कहा कि मुझे तो लगता है कि तेजस्वी यादव नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का लोभ देकर संन्यास दिलाना चाहते हैं. यह उनकी सोची समझी साजिश हो सकती है, क्योंकि जिस नीतीश कुमार ने बिहार की सियासत में सबको धोखा दिया हो उनके साथ तेजस्वी यादव भी कुछ ऐसा ही करेंगे.

तारकिशोर प्रसाद के आरोपों पर जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने पलटवार किया है. जेडीयू के प्रवक्ता निखिल मंडल ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि चलिए, बीजेपी ने कम से कम यह तो मान लिया कि नीतीश कुमार वीकली प्रधानमंत्री हो सकते हैं. उसके बाद मंथली, और फिर पांच साल के लिए भी बोलेंगे, लेकिन यह साफ कर दें कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने के तमाम गुण हैं. हालांकि, वो पीएम पद के दावेदार नहीं हैं.