भारत में ज़्यादातर लोगों का मत यही है कि जो छात्र स्कूल में अच्छे नंबर नहीं लाते, उनके भविष्य में अंधकार ही भरा होता है. बीते कुछ वर्षों में खेल-कूद को लेकर भावनाएं बदली हैं. पहले तो खेल-कूद में रूचि रखने वाले बच्चों को भी ताना दिया जाता था. आज भी याद है जिन बच्चों को सिर्फ़ पास मार्क्स मिलते थे उन्हें शिक्षक अकसर ताने कसते थे, क्या करोगे आगे की लाइफ़ में, फलाने को देखो कितनी मेहनत करता है.

गौरतलब है कि 10वीं और 12वीं के नंबर ये तय नहीं करते की आप कहां तक पहुंचोगे. हां ये ज़रूर है कि कुछ परिक्षाओं में बैठने के लिए 10वीं और 12वीं में इतने नंबर आने चाहिए, ऐसी क्राइटेरिया होती है. लेकिन एक परीक्षा भी किसी छात्र की प्रतिभा का पैमाना नहीं हो सकती. नंबर्स को ही सक्सेस का पैमान समझने वालों के लिए IAS शाहिद चौधरी (IAS Shahid Choudhary) ने खास संदेश दिया है. ट्विटर पर IAS ने अपनी मार्कशीट शेयर की. कक्षा 10वीं में IAS शाहिद को 90 प्रतिशत अंक नहीं मिले थे. और इसके बावजूद वे आज IAS अफ़सर हैं.

मैथ्स में मिले थे 55 नंबर
IAS शाहिद चौधरी ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने 1997 में 10वीं की परीक्षा पास की थी. ट्वीट में उन्होंने बताया कि लोगों ने उनसे कई बार 10वीं की मार्कशीट शेयर करने की गुज़ारिश की थी. उन्हें 500 में 339 यानि 67.8 % मिले थे. मैथ्स और सोशल स्टडीज़ में उन्हें 55 नंबर मिले थे.
On students’ demand, here’s my Class-X Mark-sheet which has remained “classified” since 1997 😄! 339/500 pic.twitter.com/9ga6tJRkHU
— Shahid Choudhary (@listenshahid) July 20, 2022
एक यूज़र ने IAS शाहिद से कहा कि उनका मैथ्स और सोशल स्टडीज़ में हाथ तंग था. जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि मैथ्स में उन्हें दोस्तों से मदद मिल जाती थी. सोशल स्टडीज़ का बदला उन्होंने यूपीएससी में सोशलॉजी चुन कर निकाली.