बिहार के बगहा में हरहा नदी में दुर्लभ जीव माउथ कैट फिश के मिलने से कैट फिश के बारे में स्थानीयों में चर्चा तेज हो गयी है। बनचहरी गांव की हरहा नदी में मछली मारने के दौरान मछुआरों को मछली माउथ कैट फिश मिली। मछुआरों के जाल में फंसकर यह मछली नदी से बाहर आई। गांव में जानकारी फैली तो मछली को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गयी। मछुआरा अशोक सहनी ने बताया कि हरहा नदी में मछली मारने के लिए जाल लगाया गया था। जाल में यह मछली फंसी थी। उसे गांव में लाया गया। मछली मिलने की सूचना वन विभाग को भी दी गई।

मांसाहारी जलीय जीव है कैट फिश

बगहा वनक्षेत्र अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि यह दुर्लभ प्रजाति की मछली है। सूचना पर वनकर्मियों की टीम भेजकर मछली को वनक्षेत्र कार्यालय लाया गया है। डब्ल्यूटीआई व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ प्रबंधक समीर कुमार सिन्हा व कमलेश मौर्या ने बताया कि यह दुर्लभ प्रजाति की मछली गंगा में भी मिली थी। इसका मिलना शुभ संकेत नहीं माना जायेगा। माउथ कैट फिश एक मांसाहारी प्रजाति की मछली है। जिससे कई जलीय जीवों को खतरा बना रहता है। इसे मार देना ही प्रकृति व जलीय जीवों के लिए बेहतर है।

गंगा में भी मिल चुकी है कैट फिश 

डब्ल्यूटीआई व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के समीर सिन्हा और कमलेश मौर्या ने बताया कि माउथ कैट फिश दक्षिणी अफ्रीका व दक्षिणी अमेरिका में अधिकतर पायी जाती है। लोग इसे घरों में शोभा के लिए पालने लाये थे। बाद में कुछ लोगों ने इसे नदियों मे छोड़ दिया। इस मछली का प्रजनन अधिक तेजी से होता है। माउथ कैट फिश को वर्ष 2003-04 में गंगा नदियों में सर्वे के समय पहली बार देखा गया था। वर्तमान में यह मछली गंगा, गंडक और कई अन्य नदियों में मौजूद है।