मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने भी वर्ष 2010-11 में जातीय जनगणना कराया था लेकिन पब्लिश नहीं हुआ. इसके पीछे जो जानकारी आई है, वह यह है कि त्रुटि के कारण इसे पब्लिश नहीं किया गया. यह बात उन्होंने जनता दरबार के बाद आयोजित पत्रकार वार्ता में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा. उन्होंने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना बेहतर ढंग से किया जाएगा. जिसे देखकर दूसरे लोग भी कराने को कहेंगे.

उन्होंने कहा कि यहां जातीय जनगणना अच्छे ढंग से होगा. इस काम में लगे अधिकारी भी काम कर रहे हैं. सभी पार्टी भी इस पर नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी तो इच्छा यही है कि बिहार में जातिय जनगणना ऐसी हो कि बाहर के राज्य के लोग महसूस करेंगे कि करना चाहिए. जनगणना समिति वर्ग में तो कर नहीं रहे है, सबका हो रहा है.

उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ एक-दो राउंड की मीटिंग हो चुकी है और आगे भी करेंगे. जिससे काम में गति आए. उन लोगों को भी जोड़ने की कोशिश हो रही है, जिन्होंने जनगणना में काम किया है. सरकारी कर्मचारी तो रहेंगे हैं लेकिन जो रिटायर हो चुके हैं, उन्हें भी जोड़ने की कोशिश हो रही है.