जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल के साथ आने का फैसला लिया तब दोनों दल के नेताओं ने दिल्ली में बदलाव का नारा दिया। राजद और जदयू के नेताओं की ओर से यह कह कहा गया कि नीतीश कुमार देश के अगले प्रधानमंत्री बनने की सारी योग्यता रखते हैं। वहीं नीतीश कुमार ने कहा कि वह पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के लिए पहल करेंगे। राजद के नेताओं ने कहा कि 2024 में नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री और 2025 में तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे
विपक्ष की एकता को एकजुट करने निकले थे नीतीश
नीतीश कुमार के विपक्ष की एकजुटता को मजबूत करने की मुहिम के अंतर्गत विभिन्न पार्टियों के नेताओं से मिलने का कार्यक्रम पहले हो चुका है। जदयू और राजद के नेताओं ने बार-बार इस बात को कहा है कि विपक्ष की एकजुटता बहुत ही जरूरी है। दोनों दल के नेताओं ने हमेशा यह कहा है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार हैं। हालांकि बाद में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार की पहली प्राथमिकता विपक्ष को एकजुट करना है, नीतीश कुमार पीएम के लिए योग्य तो हैं परंतु उनकी पीएम पद की कोई आकांक्षा नहीं है। परंतु राजद और जदयू के नेताओं के अंदर मन की बात जाने तो यह पता चलता है कि दोनों दलों के नेता चाहते हैं कि नीतीश कुमार भारत के अगले प्रधानमंत्री बनें।

विपक्षी एकता का कोई मतलब नहीं- बोले केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले दिनों एक कार्यक्रम में विपक्षी एकता के दावों को बेकार बताया फुलस्टॉप उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए विपक्षी एकता का कोई मतलब नहीं है तो स्टॉप यह कहां से जायज है कि सब मिलकर बीजेपी को हरा देते हैं। लोग विपक्षी एकता नहीं बल्कि उन लोगों से छुटकारे की उम्मीद चाहते हैं। केजरीवाल यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि हमारे देश में जनतंत्र है। बीजेपी को हराने का काम जनता पर छोड़ना चाहिए। जनता भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी स्तंभ है वह जिस पार्टी को चाहेगी हरा देगी तो स्टॉप हमें विपक्षी एकता से ज्यादा इस बात से मतलब होना चाहिए कि इन लोगों की जिंदगी को सही रूप से चलाने के लिए हमारे पास क्या प्लान है। अगर जनता को हमारा प्लान पसंद आ गया तब जनता खुद व खुद हमें सत्ता में ले आएगी।
केंद्र में कांग्रेस ही रहेगी बोले जयराम रमेश
अरविंद केजरीवाल के दिए गए इस बयान के मायने निकालने की तफ्तीश अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने केंद्र में कांग्रेस ही रहेगी वाला बयान देकर सारी कसर पूरी कर दी। जयराम रमेश ने पटना में कहा कि विपक्षी एकता की किसी भी कोशिश के मध्य में कांग्रेस ही होनी चाहिए। बिना कांग्रेस के विपक्षी एकता का कोई मतलब नहीं है इस देश में तो स्टॉप उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल में देश को बहुत कुछ दिया।