साइबर अपराध से निपटना इन दिनों एक चुनौती बन गया है। बिहार में साइबर अपराधी आए दिन लोगों को निशाना बना रहे हैं। ज्यादातर साइबर अपराधी पैसों के फ्रॉड से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा कुछ लोगों के वीडियो वायरल कर उन्हें ब्लैकमेल कर रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने अब अपनी कमर कस ली है। राजधानी पटना में देश का सबसे हाईटेक साइबर लैब बनकर तैयार हो गया। इस लैब सह ट्रेनिंग सेंटर में 5 लाख से 20 लाख तक की 19 वैसी मशीनें लगाई जा रही हैं जिनका इस्तेमाल देश के बड़े-बड़े साइबर फॉरेंसिक लैब करते हैं।

80 अफसरों की टीम करेगी काम

जानकारी के अनुसार एसपी रैंक के अफसर के नेतृत्व में 80 अफसरों व कर्मियों की टीम बन रही है। यहां सीबीआई को भी साइबर अपराध से निपटने की ट्रेनिंग दी जा सकेगी। आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने कहा कि अगले महीने से लैब ऑपरेशनल हो जाएगा और साइबर अपराध से जुड़े सभी तरह के मामलों की जांच के लिए यहां बेहतर सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

क्या-क्या होगा लैब के जरिए

  • सीन ऑफ क्राइम की स्टडी, उसका विश्लेषण।
  • सोशल मीडिया पर गलत गतिविधियों की ट्रैकिंग
  • चाइल्ड पोर्नोग्राफी व महिलाओं से जुड़े साइबर अपराध की जांच और आरोपियों की पहचान।
  • केंद्र की इकाइयों के साथ को-आर्डिनेशन

इन मामलों की होगी ट्रेनिंग

  • आईटी एक्ट के तहत कार्रवाइयों की तकनीकी ट्रेनिंग
  • साइबर सिक्यूरिटी के लिए पुलिस व जजों की ट्रेनिंग
  • जिलों में तैनात साइबर यूनिट के अफसरों की ट्रेनिंग
  • राज्य सरकार के अलग-अलग विभागों के लोगों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस लैब के 3 उद्देश्य
इस लैब को बनाने के 3 उद्देश्य हैं। पहला साइबर अपराध का इंवेस्टिगेशन, दूसरा ट्रेनिंग, तीसरा जागरूकता फैलाना। इस लैब के लिए 28 करोड़ से आर्थिक अपराध इकाई के दफ्तर के बगल में 3 मंजिला भवन बना है जिसमें 25 कमरे हैं। प्रयोगिक तौर पर हाल ही में पटना सीबीआई के अफसरों को यहां साइबर सिक्यूरिटी की ट्रेनिंग दी गई है।