कहते हैं प्रतिभा कभी किसी का मोहताज नहीं होती’ बेगूसराय की तीन बहनों ने ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है। बखरी के सलौना गांव की तीन सहोदर बहनों ने एक साथ दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास की। तीनों एक किसान के घर पैदा हुईं। यहां पली-बढ़ी। गांव के ही स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर दारोगा भर्ती की तैयारी में जुट गई। जब PT परीक्षा में तीनों ने रिजल्ट लाया तो घर वाले खुशी से झूम उठे। तीनों बहनें सफलता की पहली सीढ़ी चढ़ने का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया।

तीनों बहनें गांव के निम्न वर्गीय किसान फुलेना दास की बेटियां हैं। मां गृहिणी हैं। पिता अपने गांव में रहकर किसानी करके पूरे परिवार को भरण-पोषण करते हैं। उनके पास एक एकड़ से कम जमीन हैं। इनकी पांच संताने हैं। इसमें चार पुत्रियां और एक पुत्र हैं। फुलेना दास ने अभाव के बावजूद बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में कभी कोताही नहीं की। बङी बेटी ज्योति कुमारी, दूसरी सोनी कुमारी तथा तीसरी मुन्नी कुमारी ने दारोगा की प्रारंभिक परीक्षा पास की।

गांव में रहकर ही पढ़ाई-लिखाई

तीनों बहनें गांव में रहकर ही उच्च विद्यालय शकरपुरा से मैट्रिक, एमबीडीआई कालेज रामपुर बखरी से इंटर तथा यूआर कालेज रोसङा से ग्रेजुएशन किया है। उनके पुत्र और सबसे छोटी पुत्री भी ग्रेजुएशन के साथ-साथ कंपटीशन की तैयारी कर रहीं हैं। ज्योति ने अपनी और बहनों की कामयाबी के पीछे मां-बाप की प्रेरणा, अभाव में उनके संघर्ष तथा कुछ करने की इच्छाशक्ति ने उन्हें संबल दिया है। ज्योति ने बताया कि सभी गुरुजनों, शुभचिंतकों के आशिर्वाद से उनके अलावा दोनों बहनें भी बिहार पुलिस सेवा में कार्यरत हैं। ज्योति मोतिहारी, सोनी, मधुबनी और मुन्नी जयनगर में पोस्टेड हैं। तीनों पुलिस विभाग में ही है।

लक्ष्य की प्राप्ति दृढ इच्छाशक्ति

छात्र-छात्राओं तथा कंपटीशन की तैयारी कर रहे युवाओं को अपने संदेश में ज्योति ने कहा कि केवल किसी बङी शिक्षण संस्थान या बङे शहरों में नहीं मिलती। बल्कि यह अपने लक्ष्य की प्राप्ति दृढ इच्छाशक्ति तथा उसके अनुरूप की गई कड़ी मेहनत से प्राप्त होती है। तो क्या हुआ कि आप ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं या गांव के विद्यालय में पढते हैं। अपनी मंजिल को प्राप्त करने की सनक आपको वहां तक पहुंचा देगी। तीनों बहनों की कामयाबी पर गांव के पूर्व मुखिया तुफैल खान ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।