देवो के देव महादेव का अति प्रिय महीना सावन शुरू होने वाला है. सावन को श्रावण महीना भी कहा जाता है. आषाढ़ माह के बाद सावन माह की शुरुआत होती है. इस बार 14 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो जाएगा और 12 अगस्त तक रहेगा. इस महीने में पड़ने वाले सोमवार व्रतों का भी विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि जो श्रद्धालु इस महीने सच्चे मन से भोले शंकर की आराधना करते हैं, उन्हें महादेव मनचाहा वरदान देते हैं. 

वहीं भारतीय धर्म शास्त्रों के अनुसार सावन का पूरा महीना महादेव की आराधना वाला माना जाता है. इस महीने कोई श्रद्धालु हरिद्वार से कांवड़ लेकर आते है तो कोई महादेव के विभिन्न धामों की यात्रा करके पुण्य की प्राप्ति करता है. वहीं शास्त्रों के मुताबिक, सावन मास में कुछ बातों का विशेष ख्याल भी रखना चाहिए. सावन महीने में कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं कि वे कौन से कार्य हैं, जो हमें सावन के महीने में भूलकर भी नहीं करने चाहिए. 

इन दिनों वाणी पर रखें संयम 
महादेव के प्रिय माह यानी सावन में किसी से बुरा व्यवहार न करें और न ही किसी का अपमान करें. इन दिनों किसी से भी वाद-विवाद से बचना चाहिए. अपनी वाणी पर संयम बरतना चाहिए. सावन महीने में बुरे कर्मों और यहां तक कि बुरे विचारों से भी बचना चाहिए. परिवार, गुरु, मेहमान या किसी भी व्‍यक्ति का अपमान न करें. 

इन चीजों को अर्पित करने से बचें
भगवान शिव जी की पूजा के दौरान कुछ खास चीजों को अर्पित करने से बचना चाहिए. शिवलिंग पर हल्दी और सिंदूर आदि नहीं चढ़ाना चाहिए. भोलेनाथ को बेलपत्र, भांग और धतूरा अतिप्रिय है.

बेगन के सेवन से करें परहेज
सावन मास में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए. बैंगन को अशुद्ध सब्जी माना जाता है. यही वजह है कि लोग द्वादशी और चतुर्दशी के दिन बैंगन से परहेज करते हैं.

शरीर पर न लगाएं तेल 
सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने वाले श्रद्धालुओं को तेल नहीं लगाना चाहिए. इससे भगवान भोलेनाथ नाराज हो जाते हैं. तेल और तिल का दान करने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है. सावन महीने में तेल का प्रयोग न करें. 

दिन में सोने से बचें 
ऐसी मान्यता है कि सावन मास में दिन में सोने से भगवान भोलेनाथ रुष्ट हो जाते हैं. इसलिए भक्ति के इस महीने में भगवान भोलेनाथ की आराधना करें. उनकी पूजा करें. ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करें लेकिन दिन के समय सोए नहीं.