केंद्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में द ससटेनिबिलिटी, डेनमार्क द्वारा आयोजित एक वेबीनार ने कहा- भारत में आने वाले 2 सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत पेट्रोल वाहनों की कीमतों के बराबर हो जाएगी। आगे कहते हुए नितिन गडकरी ने कहा की पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 5 प्रतिशत है और इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग होने वाला लिथियम आयन बैटरी का भी रेट कम हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले से ही सभी पेट्रोल पंप पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की अनुमति से संबंधित नीति बना चुकी है। आने वाले 2 सालों में पूरे भारत में चार्जिंग स्टेशनों की दिक्कत नहीं होगी।

गडकरी ने आगे कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे में एक इलेक्ट्रिक हाईवे सिस्टम स्थापित करने के लिये एक संभावित पायलट प्रोजेक्ट की योजना बनाई जा रही है, जिसे क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में सौर ऊर्जा का उपयोग करके विद्युतीकृत किया जा सकता है। इसके अलावा सरकार पेट्रोल पंपों पर चार्जिंग प्वाइंट लगाने की भी योजना बना रही है।
‘Within two years cost of petrol vehicle, EV will be same’, says Nitin Gadkari
— Umesh Mhambrey (@Umesh99912664) November 9, 2021
The per kilometre cost of petrol-based vehicle is Rs 10 per km, for diesel it is Rs 7 per km and for electric, it is only Re 1 per km.https://t.co/TR7C5Py4OM?
उन्होंने कहा- देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अच्छी गति प्राप्त कर रही है। कोई कृत्रिम प्रयास की आवश्यकता नहीं है। पेट्रोल आधारित वाहन की प्रति किलोमीटर लागत ₹10 है, डीजल की ₹7/किमी है, जबकि ईवी के लिये यह ₹1/किमी है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि 2030 तक भारत ने निजी कारों के लिये 30% ईवी बिक्री पैठ, वाणिज्यिक वाहनों के लिये 70%, बसों के लिए 40% और दो और तिपहिया वाहनों के लिये 80% का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में देश में केवल 2-3 ई-कार वेरिएंट की कीमत 15 लाख रुपये से कम है। सब्सिडी को शामिल करने के बाद दोपहिया और तिपहिया वाहनों की कीमत पहले से ही मौजूदा पेट्रोल के बराबर हो गई है।

उन्होंने कहा- कोयला आधारित बिजली के उत्पादन में कोई लाभ नहीं है। हमारा ध्यान अब सौर, ज्वारीय, पवन ऊर्जा और बायोमास जैसे नवीकरणीय स्रोतों पर है। घरेलू ईवी चार्जिंग को रूफटॉप सोलर सिस्टम के जरिये पूरा किया जा सकता है। देश भर में औसत खुदरा बिजली शुल्क ₹7-8 kWh जितना अधिक है, डीजल जनरेटर सेट के साथ बैकअप पावर ₹20/kWh जितना अधिक है। इस बीच, आज सौर ऊर्जा ₹2/kwh से कम है। इसलिए, रूफटॉप सौर प्रणाली उच्च बिजली लागत और ग्रिड विश्वसनीयता की दोहरी समस्या का समाधान कर सकती है।

वर्तमान में, भारत के पास 145 गीगावॉट की दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अक्षय ऊर्जा क्षमता है। गडकरी ने कहा कि सौर पीवी सेल, घरों, मॉल, पार्किंग स्थल और कार्यालयों में पैनल सिस्टम के माध्यम से घरेलू ईवी चार्जिंग ईवीएस को अधिक किफायती और अनुकूलनीय बनायेगी। देश में पिछले दो वर्षों में बैटरी से चलने वाले छोटे वाहनों जैसे ई-स्कूटर, ई-कार्ट, ई-ऑटो, ई-साइकिल की मांग बढ़ी है।
उन्होंने कहा- इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और इलेक्ट्रिक कार की बिक्री में पूर्व-कोविड अवधि की तुलना में क्रमशः 145% और 1900% की वृद्धि देखी गई है। भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के इन दो खंडों में निर्यातक बनने की क्षमता है।

उन्होंने कहा- देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी अच्छी गति प्राप्त कर रही है। कोई कृत्रिम प्रयास की आवश्यकता नहीं है। पेट्रोल आधारित वाहन की प्रति किलोमीटर लागत ₹10 है, डीजल की ₹7/किमी है, जबकि ईवी के लिये यह ₹1/किमी है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि 2030 तक भारत ने निजी कारों के लिये 30% ईवी बिक्री पैठ, वाणिज्यिक वाहनों के लिये 70%, बसों के लिए 40% और दो और तिपहिया वाहनों के लिये 80% का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में देश में केवल 2-3 ई-कार वेरिएंट की कीमत 15 लाख रुपये से कम है। सब्सिडी को शामिल करने के बाद दोपहिया और तिपहिया वाहनों की कीमत पहले से ही मौजूदा पेट्रोल के बराबर हो गई है।