जयपुर: राजस्थान में इन दिनों कई परीक्षाओं के परिणाम आ रहे हैं। सभी को अपने मार्क्स और सफल होने की फिक्र रहती है। रिजल्ट आने के बाद सभी टॉपर्स के बारे में बातें करते हैं। उनकी मार्कशीट शेयर करते हैं, लेकिन जिन बच्चों के एग्जाम में कम नंबर आते हैं उनके बारे में कोई नहीं बातें करता। सच्चाई यह है कि सफलता नंबर की मोहताज नहीं रही। हम बात ऐसे शख्स की कर रहे हैं जो 10वीं से लेकर स्नातक, फिर प्रतियोगी परीक्षाओं में बार-बार असफल हुए लेकिन हिम्मत नहीं हारी। RAS एग्जाम में 55वीं रैंक हासिल की है। यह कहानी है राजस्थान के पाली जिले के गांव गुड़ाकेसरसिंह की। फिलहाल वह मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में वित्त नियंत्रक अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

RAS दलपत सिंह अलग-अलग एग्जाम में एक दो नहीं बल्कि 19 बार फेल हुए थे। बार-बार असफल हुए तो मां सुमन कंवर देवड़ा, पिता मोहन सिंह राठौड़ ने हौंसला बढ़ाया। दलपत सिंह का धैर्य रंग लाया। 10वीं में उन्हें एवरेज नंबर मिले लेकिन 12वीं में दो बार फेल हो गए। फिर तीसरी बार में उन्होंने ग्रेस मार्क में अपना एग्जाम क्लीयर किया।

कॉलेज में भी कई बार फेल हुए
PMT, BSTC, PET, कृषि विभाग, STE जैसी कई परीक्षाएं दीं, लेकिन सभी में असफल रहे। इस दौरान उनका बचपन का दोस्त आईएएस बन गए। इसके बाद उन्होंने भी आईएएस बनने की ठानी। इसके बाद उन्होंने जमकर तैयारी की और RAS परीक्षा-2008 में 55वीं रैंक हासिल की।