नवादाः बिहार के नवादा जिले का लाल आलोक रंजन ने यूपीएससी की परीक्षा में 346वां स्थान लाकर जिले का नाम रौशन किया है. सातवें प्रयास में उसे यह सफलता मिली. आलोक के यूपीएससी में सलेक्शन की जानकारी मिलते ही उनके परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई. बेटे की सफलता के खुशी में मिठाइयां बांटी जा रही है. वहीं उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. बेटी की सफलता से मां भावुक हो गई और उनके आखों से खुशी के आंसू निकलने लगे.

“15 साल से मेरा बेटा घर नहीं आया है. उसका जिद था कि जब तक यूपीएससी में सफलता नहीं मिलेगी, तब तक घर वालों को मुंह नहीं दिखाएंगे. आज बेटे ने हम लोगों का सपना साकार कर दिया है. किसी भी मां-बाप के लिए यह सबसे सुखद दिन है.”-नरेश प्रसाद यादव, आलोक रंजन के पिता

आलोक रंजन रोह प्रखंड के गोड़ीयारी गांव का रहने वाले हैं. माता सुशीला देवी, पिता नरेश प्रसाद यादव दोनों सरकारी शिक्षक हैं. पिता नरेश प्रसाद यादव ने बताया कि बेटे की मेहनत रंग लाई. उन्होंने कहा कि शिक्षक की नौकरी के बाद भी पढ़ाई के लिए पैसे की कमी हो गयी तो जमीन बेच-बेच कर इस मुकाम तक पहुंचाया हूं. उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही मेधावी था. आलोक की सफलता से पूरे परिवार का गर्व से सीना चौड़ा हो गया.

गांव के स्कूल में हुई है प्रारंभिक परीक्षाः आलोक रंजन की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई है. 2007 में नवादा के जीवनदीप पब्लिक स्कूल से मैट्रिक किया. उसके बाद वह कोटा चला गया, जहां से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की. इसके बाद उसने ट्रिपल ई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद आलोक ने 2015 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की. कड़ी मेहनत के बाद सातवें प्रयास में आलोक को सफलता मिल गई और 346 रैंक लाकर जिले का नाम रोशन किया.