सेल्फमेड इंसान क्या होता है… आसान भाषा में इसकी परिभाषा यह होती है कि आदमी खुद ही की मेहनत से अपनी अलग पहचान बनाए। इसके उदाहरण इंदौर के रहने वाले उमेश जोशी भी हैं। गांव से आकर इंदौर में शहर में पहले उन्होंने दूध बेचा। साइकल से घूम-घूमकर 15 सालों तोक दूध पहुंचाया। इसके बाद इंदौर शहर में कंप्यूटर संस्थान खोला। जहां वह बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा देते हैं। उनकी बिटिया उष्मा जोशी भी पिता के संघर्ष से प्रभावित है। इंदौर शहर के छोटे स्कूल से पढ़ाई की शुरुआत करने वाली उष्मा जोशी देश के प्रतिष्ठित मैनेजमेंट संस्थान की छात्रा है। संसाधनों के अभाव में हार जाने वाले युवाओं के लिए उष्मा की कहानी प्रेरणादायी है। उष्मा आगे चलकर ग्रामीण क्षेत्र के लिए कुछ करना चाहती हैं।

मीडिया से बात करते हुए उष्मा जोशी ने कहा कि 2001 में मेरा जन्म हुआ था। हमारे दादाजी पहले इंदौर आए थे। उसके बादा पिताजी आए थे। पापा पहले दूध की दुकान पर काम करते थे। साथ ही शहर में घूम-घूमकर साइकल से दूध बेचते थे। इस दौरान ही उन्होंने इंदौर में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। अब उष्मा के पिता उमेश जोशी इंदौर में कंप्यूटर संस्थान चलाते हैं। उष्मा की मां भी वहां पढ़ाती हैं। उष्मा ने कहा कि मैंने पापा को संघर्ष करते हुए देखा है।

उष्मा जोशी ने इंदौर के छोटे स्कूल में शुरुआती पढ़ाई लिखाई की है। 12वीं तक उष्मा ने वहीं से पढ़ाई की है। उन्होंने बताया कि मैं पढ़ाई के दौरान कुछ बिजनेस की किताबें पढ़नी शुरू कर दी थी। इसके बाद से ही मेरे दिमाग में यह आइडिया आया कि आगे चलकर मुझे बिजनेस ही करना है। उन किताबों से आइडिया मिला कि बड़ा कारोबार कैसे रते हैं। इसके बाद से ही सोच लिया था कि आईएमएम में जाना है।

इंदौर की उष्मा ने बताया कि मुझे अपने सपनों को पूरा करने के लिए देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईएमएम अहमदाबाद में जाना था। इंदौर में बीकॉम की पढ़ाई के दौरान ही सेकंड ईयर से हमने तैयारी शुरू कर दी थी। बीकॉम में भी उष्मा को 99.1 प्रतिशत मार्क्स आए थे। उष्मा ने बताया कि दसवीं और 12वीं में भी 90 फीसदी से ऊपर ही मार्क्स आए हैं। उष्मा जोशी पहली बार में ही कैट की परीक्षा पास कर ली है। एंट्रेस एग्जाम में उष्मा जोशी को 99.54 पर्सेंटाइल आए हैं। इसके बाद आईएमएम अहमदाबाद में दाखिया मिला है। वह एमबीए फर्स्ट ईयर की छात्रा है। उष्मा ने कैट क्लियर करने के लिए कोई कोचिंग नहीं ली है। वह खुद से पढ़ाई की है। कुछ ऑनलाइन मटरियल से भी मदद मिली है। आईएमएम जानें का सपना देख रहे युवाओं को उष्मा संदेश देती हैं कि आप रूटीन से अपनी पढ़ाई करें।