कहते है कि अगर आपके इरादे पक्के हों तो आप कोई भी मुकाम हासिल कर सकते हैं और कोई भी मुश्किल आपके रास्ते को रोड़ा नहीं बन सकती। और इसे साबित किया है अंसार शेख ने। पढ़ने की लगन और जीवन सुधारने की चाह ने अंसार शेख को वह सफलता हासिल कराई जिसकी कामना भारत के अधिकांश युवा करते हैं। जिंदगी में कई बड़ी मुश्किलों को हराते हुए आईएएस अफसर बने अंसार शेख की कहानी।
Youngest IAS officer Ansar Ahmad Shaikh with renowned Bollywood actor Nana Patekar. Mr. Shaikh cracked UPSC (AIR 361) defying all odds at 21 pic.twitter.com/zWmLxshsbJ
— Being Navodayan (@BeingNavodayan) October 1, 2017
एक रिक्शा चालक का बेटा 21 साल की उम्र में बना IAS
आज तक हमने बहुत से आईएएस अधिकारियों के संघर्ष और सफलता की कहानी आपसे साझा की है। लेकिन आज की यह कहानी उन लोगो के लिए प्रेरणा है जो गरीबी का रोना रोकर जिंदगी से हार मान लेते है। अंसार की जिंदगी को जान लेंगे तो अपनी तकलीफे भी छोटी लगनी लगेगी। अंसार की जिंदगी में गरीबी है, भूख है, हर तरह का अभाव है और साथ है तो हर हालात में पढ़ाई करने का जज्बा। और इसी जज्बे ने उन्हें आईएएस ऑफिसर बनने का जुनून और अंत में जीत का स्वाद दिया। अंसार अहमद शेख ने सिर्फ 21 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा में 371वीं रैंक हासिल की, और IAS अफसर बन गए। वंही बात करे उनकी जिंदगी की तो अंसार महाराष्ट्र के जालना जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं।

उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे और उनकी मां खेतों में मजदूरी करती थीं। अंसार के परिवार के हालात इतने खराब थे कि पढ़ाई छोड़ने की भी नौबत आ गई थी। रिस्तेदारो और जान पहचान बाले ताने देते थे कि कमा लो या फिर पढ़ लो। अंसार बताते हैं कि रिश्तेदारों और उनके पिता ने उनसे पढ़ाई छोड़ने को कहा था।

12वीं में मिले 91 प्रतिशत नंबर!
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, अंसार शेख (Ansar Ahmad Shaikh) ने बताया, ‘अब्बा ने पढ़ाई छोड़ने को कहा था और इसके लिए वह मेरे स्कूल पहुंच गए थे, क्यूंकि उनके पिता को किसी ने सलाह दी कि इसकी पढ़ाई बंद कराओ और काम पर लगाओ तो दो पैसे घर आयें। वैसे भी कौन सा पढ़ने से नौकरी मिल जायेगी। अंसार के पिता को बात समझ आयी और वे पहुंच गये स्कूल अंसार की पढ़ाई छुड़ाने। लेकिन भला हो अंसार के शिक्षक का जिसने उन्हें समझाया और बताया कि मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा हूं। इसके बाद किसी तरह दसवीं की। इसके बाद जब उन्होंने 12वीं में 91 प्रतिशत नंबर हासिल किया तब घरवालों ने फिर कभी पढ़ाई के लिए नहीं रोका।

वेटर की नौकरी कर भरी फीस!
अंसार ने बताया था, ‘पापा हर रोज सिर्फ सौ से डेढ़ सौ रुपये तक कमाते थे, जिसमें उनके पूरे परिवार का खर्च चलाना काफी मुश्किल होता था और ऐसे में उनके पिता पढ़ाई के लिए पैसे नहीं दे पाते थे। 12वीं पास करने के बाद अंसार अहमद शेख (Ansar Ahmad Shaikh) ने पुणे के जाने माने फर्गुसन कॉलेज में दाखिला तो ले लिया लेकिन उनके पास आगे की फीस भरने के पैसे नहीं थे।
Shaikh ansar ahmad is an IAS officer at just 21 years old ..
— Md Masud Alam (@MdMasud25782784) August 1, 2019
This youngest IAS participated in Kochi Bihar.
Whose father used to be a rickshaw and he worked as a waiter in a restaurant … pic.twitter.com/67YYJ1TRBu
ऐसे में उनकी मदद को आगे आये उनके छोटे भाई। साथ ही अंसार ने फीस भरने के लिये पास के ही एक होटल में वेटर का काम करना शुरू कर दिया जहां उन्हें तीन हजार रुपये पगार पर रखा गया था। इस होटल में अंसार ने अपनी क्षमता से दोगुने साइज से काम करते, टेबल पोछने और रात में होटल का फर्श साफ करने तक का काम किया। पर वे खुश थे कि अपनी फीस भर पा रहे हैं।
पहले ही एटेम्पट में सबसे युवा IAS अफसर बने अंसार!
कॉलेज के फर्स्ट ईयर में ही अंसर के प्रोफेसर ने उन्हें UPSC सिविल सेवा की तैयारी करने की सलाह दी। इस पर अमल करते हुए अंसार ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ साथ ही UPSC की कोचिंग लेने का फैसला किया। आखिरकार अंसार अहमद शेख (Ansar Ahmad Shaikh) की कड़ी मेहनत और संघर्ष के सामने मुसीबतों ने हार मान लिया और साल 2015 में अपने पहले प्रयास में ही यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली।

अंसार ने ऑल इंडिया में 371वीं रैंक हासिल की और आईएएस के लिए चुने गए। अंसार हर उस युवा के लिए एक प्रेरणा हैं जो आर्थिक स्थिति, पिछड़े समाज और अपने धर्म और जाति को एक कठिनाई के रूप में देखते हैं। अंसर ने ना केवल इन सब मुश्किल परिश्थितियों का सामना किया बल्कि अपनी मेहनत और एकाग्रता से अपना लक्ष्य भी हासिल किया।