मधेपुरा. कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, बस जरूरत है तबियत से पत्थर उछालने की. इस वाक्य को मधेपुरा सदर प्रखंड के साहुगढ़ पंचायत के छात्र सोनू ने चरितार्थ किया है. साहुगढ़ पंचायत के हुलास टोल निवासी स्व. सुरेश यादव और खिटी देवी का पुत्र सोनू कुमार मैट्रिक की परीक्षा में 500 में से 475 अंक प्राप्त कर जिला टॉपर बना. महज 1 अंक के लिए वह बिहार टॉप- 10 अपना जगह नहीं बना पाया. लेकिन पूरे बिहार में 11वां स्थान प्राप्त करने में सफल रहा. सोनू बताता है कि स्कूल की पढ़ाई के बाद गांव के ही एक कोचिंग में परीक्षा की तैयारी करता था. उसके बाद self-study पर विशेष ध्यान देता था. पढ़ाई के साथ-साथ सोनू स्पोर्ट्स में भी बेहतर कर रहा है. सोनू खो-खो में जिला स्तर तक भी खेल चुका है.

भाई ने हरियाणा में मजदूरी कर पढ़ाया
सोनू की कहानी बेहद ही मार्मिक है. सोनू जब 5 वर्ष का था तब उनके सर से पिता का साया उठ गया. घर की माली हालत ठीक नहीं होने की वजह से बड़े भाई ने घर की जिम्मेदारी संभाली और वह हरियाणा में मजदूरी करने चला गया. सोनू ने बताया कि बड़ा भाई सिंटू हरियाणा में मजदूरी करते हैं. उसकी पढ़ाई में किसी भी प्रकार की कोई बाधा उत्पन्न ना हो, इसके लिए परिवार के सभी सदस्य उसे भरपूर मदद करते हैं. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से गांव के लोग भी सोनू को हर संभव मदद करते हैं. स्थानीय लोगों ने सोनू को मिथिला का पाग और अंग वस्त्र देकर सम्मान किया।
बिहार टॉपर नहीं बनने का मलाल
वह कहता है कि बिहार टॉपर की लिस्ट में जगह नहीं बना पाया, इसका दुख तो है, लेकिन उससे अधिक इच्छा शक्ति मुझे आगे की पढ़ाई करने की है. सोनू ने बताया कि प्लस टू की पढ़ाई दोगुने मेहनत से करेगा और बिहार टॉपर की लिस्ट में अपना जगह बनाऊंगा.

आईएएस अफसर बनने का सपना
सोनू का सपना है कि वह आईएएस अफसर बने और देश की सेवा करे. वहीं, सोनू की मां बताती है कि जबसे रिजल्ट जारी हुआ है, बधाई देने वाले लोगों का मेरे घर पर तांता लगा हुआ है. गांव समाज के साथ-साथ उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक रिश्तेदार भी घर पहुंच रहे हैं और सोनू को बधाई दे रहे हैं. बस इसी तरह सभी सोनू को मदद करते रहें, ताकि वह आगे पढ़ लिखकर अपनी जिंदगी में आयाम हासिल कर सके।