बिहार के 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में पढ़ने वाले लाखों बच्चे और स्नातक उत्तीर्ण करने वाली करीब 20 हजार छात्राओं के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है। स्नातक उत्तीर्ण होने वाली इन छात्राओं के बड़ी राशि उनके खाते में भेजी जानी है। आठवीं कक्षा तक पढ़ाई करने वाले बच्चों को पुस्तक क्रय हेतु राशि 15 जून के बाद उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाएगी।

फिलहाल बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक असंगबा चुबा आओ ने 15 जून तक मेधा साफ्ट पोर्टल पर नामांकित शत-प्रतिशत बच्चों के डाटा की इंट्री अनिवार्य रूप से करने का निर्देश सभी जिलों को दिया है। बिहार के स्कूलों में फिलहाल गर्मी की छुट्टी चल रही है। जब तक किताब की राशि खाते में जाएगी, स्कूल खुलने लगेंगे।

पुस्तक मद में 416 करोड़ 23 लाख जारी
चालू शैक्षणिक सत्र में नामांकित एक करोड़ 34 लाख बच्चों को पुस्तक क्रय हेतु उनके खाते में राशि भेजी जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी जिलों को 416 करोड़ 23 लाख रुपये उपलब्ध कराया है। मेधा साफ्ट पोर्टल पर नामांकित बच्चों के डाटा की इंट्री इसलिए करायी जा रही है ताकि ड्रापआउट होने वाले बच्चों की वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सके। निदेशक असंगबा चुबा आओ ने सभी जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि पोर्टल पर बच्चों का डाटा सत्यापित करना आवश्यक है ताकि लाभुक पात्रों को सीधे उनके खाते में राशि उपलब्ध करायी जा सके।

20 हजार छात्राओं के प्रोत्साहन की राशि हेतु 50 करोड़ जारी
चालू वित्त वर्ष 2022-23 में शिक्षा विभाग की ओर से स्नातक उत्तीर्ण 20 हजार छात्राओं को प्रोत्साहन की राशि भुगतान के लिए 50 करोड़ रुपये जारी किए गए हैैं। यह राशि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत सभी जिलों को उपलब्ध कराई गई है। हालांकि इस योजना में कुल 250 करोड़ रुपये का बजटीय प्राविधान है। यह जानकारी विभाग के उपसचिव अरशद फिरोज की ओर से दी गई।