बिहार के गोपालगंज जिले के काकड़कुंड गांव के रहनेवाले मुकेश कुमार ने न्यूजीलैंड-ए के खिलाफ पहले ‘अनाधिकृत’ टेस्ट मैच के शुरूआती दिन शानदार ‘लाइन-लेंथ’ करते हुए पांच विकेट चटकाए. गुरुवार की शाम और शुक्रवार की दोपहर तक हुए डेब्यू मैच में गोपालगंज के मुकेश कुमार ने 23 ओवरों में 86 रन देकर पांच महत्वपूर्ण बैट्समैन के विकेट लिए हैं. पहले दिन के ही मैच में बेहतर गेंदबाजी की वजह से वह टीम इंडिया की तरफ से खेलने के बड़े दावेदार बन गए हैं. वहीं मैच शुरू होने से पहले मुकेश कुमार को कोच की ओर से इंडिया टीम का कैप प्रदान किया गया. चार दिवसीय डेब्यू मैच चार सितंबर तक बैंगलुरू के चिन्नस्वामी स्टेडियम में चलेगा.

मैच में की तूफानी गेंदबाजी
बैंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में चल रहे मैच में क्रिकेटर मुकेश कुमार के साथ बैंगलुरु में पहुंचे गोपालगंज जिला क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अमित सिंह ने बताया कि पहली बार भारत (भारत अंडर-19, भारत अंडर-23, भारत ए और सीनियर टीम) की किसी टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे दायें हाथ के मध्यम गति के इस गेंदबाज ने 23 ओवर में 106 डॉट्स बॉल और पांच ओर मेडेन की मदद से 86 रन देकर पांच विकेट चटकाए हैं.

गांव की गलियों में खेला
काकड़कुंड गांव के रहनेवाले मुकेश कुमार गांव की गलियों और खेतों में क्रिकेट खेलकर आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं. बंगाल से रणजी खेलने वाले मुकेश कुमार पहली बार इंडिया-ए टीम में खेल रहे हैं. मुकेश की इस कामयाबी को देख उनकी मां मालती देवी बेहद खुश हैं. मालती देवी बताती हैं कि परिवार की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए क्रिकेट मैच देखने बैंगलुरू नहीं गई, लेकिन मोबाइल पर बेटे से बात कर उतना ही खुश होती हैं, जितना खेल के मैदान में जाकर खुशी मिलती.
Innings Break!
— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) September 2, 2022
Mukesh Kumar scalps 5️⃣ wickets as India 'A' bowl out New Zealand 'A' for 400. 👍 #IndAvNzA #IndiaASeries
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पिता व चाचा क्रिकेट खेलने पर डांटते थे
बचपन में कभी क्रिकेट खेलने के लिए मुकेश के पिता स्व. काशीनाथ सिंह और चाचा कृष्णा सिंह डांटते थे और विरोध करते थे, लेकिन वही मुकेश आज पूरे देश में क्रिकेट की दुनियां में नाम रोशन कर रहे हैं. बचपन के बीती बातों को याद कर आज भी मुकेश के चाचा कृष्णा सिंह भावुक हो जाते हैं. वे बताते हैं कि मुकेश का परिवारिक पृष्ठभूमि बेहद साधारण है.

पिता कोलकाता में चलाते थे ऑटो
मुकेश के पिता कोलकाता में खुद का ऑटो चलाते थे. घर की माली हालत खराब होने की वजह से ऑटो से ही पूरा परिवार का भरण- पोषण चलता था. उनके चाचा धर्मनाथ सिंह कहते हैं जब भी टीवी पर खेलते देखता हूं, तो खुद को गौरवान्वित महसूस करता हूं. आज देश के लिए मुकेश खेल रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं.