बूस्टर डोज के लिए अब 9 महीने तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा. बूस्टर डोज यानी प्रीकॉशन डोज़ के अंतर को 9 महीने से घटाकर 6 महीने कर दिया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए कोविड-19 एहतियाती खुराक के अंतर को मौजूदा 9 महीने से घटाकर 6 महीने कर दिया है. इससे पहले कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज या प्रिकॉशन डोज 9 महीने या 39 सप्ताह के के बाद दी जाती थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि वैश्वक स्तर पर मिले साक्ष्यों के मुताबिक नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) की स्टैंडिंग टेक्निकल सब कमिटी (STSC) ने अपनी पूर्व की सलाह को संशोधित किया है.

डबल वैक्सीनेशन के बाद प्रीकॉशन या बूस्टर डोज लगवाई जा सकती है. यानी कि जिसने कोरोना वैक्सीन का दो डोज ले चुका हो. वह बूस्टर डोज ले सकता है. कोरोना की बूस्टर डोज अब 9 महीने की बजाय 6 माह में ही लगवाई जा सकेगी. नई एडवाइजरी के मुताबिक एसटीएससी ने कोरोना की बूस्टर डोज या प्रिकॉशनरी डोज के बीच के अंतर को 6 महीने या 26 सप्ताह माना है. इसपर एनटीएजीआई ने अपनी संस्तुति दे दी है. इसलिए यह निर्णय लिया गया कि 18 से 59 साल के व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज को 6 महीने या 26 सप्ताह के अंतराल के बाद दूसरी डोज दी जाए. यानी यदि आज किसी ने वैक्सीन की बूस्टर डोज लगवाई है तो आज से 6 महीने पूरा होने के दिन वह बूस्टर डोज की खुराक ले सकता है.

जो व्यक्ति 60 साल से ज्यादा के हैं, उनके लिए भी बूस्टर डोज के बीच का गैप छह महीने ही होगा. बता दें कि भारत में बुधवार को कोरोना वायरस के 16,159 नए मामले आए. वहीं एक्टिव केसों की संख्या 1,15,212 पहुंच गई है. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से उछाल देखने को मिला है. बिहार में भी कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीच भारत ने अपनी युवा आबादी के 90 फीसदी के पूर्ण टीकाकरण की उपलब्धि हासिल कर ली है. सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने यह घोषणा की.