IAS Success Story: यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में पहली बार में सफलता मिलना बेहद मुश्किल होता है। कई बार अभ्यर्थी एक दो नहीं बल्कि कई बार अटेम्प्ट देते हैं लेकिन फिर भी वे एग्जाम में सफल नहीं हो पाते। ऐसे में वे निराश होने लगते हैं। कई बार तो इतने हताश हो जाते हैं कि अपना इरादा ही बदल देते हैं। हालांकि, कुछ लोग ऐसा नहीं करते हैं। असफल होने पर टूटते हैं लेकिन फिर भी अपनी राह नहीं बदलते हैं। ऐसी ही कहानी है आज की। फरीदाबाद की महक जैन ने। महक प्रीलिम्स में दो बार असफल होने के बाद निराश होने लगती हैं लेकिन फैमिली के समझाने पर वे टूटती नहीं। इसका नतीजा यह होता है कि अंत में वे सफल होती हैं। आइए डालते हैं उनके सफर पर एक नजर।
फरीदाबाद से ताल्लुक रखने वाली महक जैन ने यहीं से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने डीयू के हंसराज कॉलेज से बीकॉम ऑनर्स किया था। डीयू से ग्रेजुएशन के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से महक ने पीजी की डिग्री हासिल की थी।

शुरू की परीक्षा की तैयारी
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक करने का सपना देखने वाली महक ने पीजी की पढ़ाई पूरी करने के बाद अब इस दिशा में आगे बढ़ने का फैसला लिया। उन्होंने इसके लिए कोचिंग ज्वाइन कर ली थी।

दो प्रयास में हुईं फेल
महक ने पहली बार साल 2019 में यूपीएससी परीक्षा दी थी। हालांकि, उन्हें प्रीलिम्स में भी सफलता नहीं मिली। असफल होने पर जैन ने तैयारी करना नहीं छोड़ा। उन्होंने अपनी कमियों पर काम किया और फिर एग्जाम में शामिल हुईं। हालांकि, इस बार भी वे फेल हो गई थीं। इस बार मिली नाकामयाबी से वे हताश हो गईं थी।
फैमिली के सपोर्ट से तीसरे प्रयास में मिली सफलता
महक को दो बार में मिली असफलता के बाद वे हार मान चुकी थीं। उन्हें यह लगने लगा था कि शायद वे ये परीक्षा क्रैक नहीं कर पाएंगी। लेकिन इस मौके पर उनकी फैमिली उनके साथ खड़ी रहीं। परिवार ने समझाया कि वे कर सकती हैं। इसके बाद महक ने भी दोबारा हिम्मत जुटाई। वे फिर परीक्षा में बैठी और इस बार वे सफल रहीं। उन्होंने एग्जाम में 17वीं रैंक हासिल की थीं।