पटना। बिहार की बोचहा विधानसभा सीट ( Vidhan Sabha constituency) के उपचुनाव परिणाम ने एक बार फिर से प्रदेश की राजनीतिक दिशा के अलग संकेत दिए हैं। यहां आरजेडी की जीत और बीजेपी की करारी शिकस्त के कई मायने हैं। राजद की इस बड़ी जीत में वीआईपी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। बिहार उप चुनाव (Bihar by-election 2022) में भाजपा के वोटबैंक पर सीधे चोट पड़ने के कारण यहां बीजेपी की करारी शिकस्त मिली है। भूमिहार बाहुल बाहुल इलाके में मुकेश साहनी का एनडीए से मोहभंग होना इसका एक बड़ा कारण माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मल्लाह समाज वीआईपी की हार को जीत मान रहा है। वीआईपी की हार में जीत का अनुभव बिहार के राजनीति की एक अलग कहानी गढ़ रहा है…

लोकसभा चुनाव से दो वर्ष पहले हुए बिहार के इन उपचुनाव परिणामों का असर दूर और देर तक देखा जा सकता है। बिहार की सियासत की धुरी बन चुके बोचहां विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। यहां आरजेडी ने बड़ी जीत दर्ज की है। हलांकि बोचहां के रुझान के पहले राउंड में राजद पीछे रही लेकिन जैसे- जैसे मतगणना आगे बढ़ी रुझान के पक्ष में होते गए। आरजेडी के अमर पासवान ने यहां 36,653 वोटों से जीत दर्ज की। बोचहां विधानसभा सीट पर आरजेडी को कुल 48.52% वोट मिले। पिछले चुनाव अमर पासवान के पिता को 42.6% मत प्राप्त हुए थे। इस बाह यह 6% अधिक है।
बोचहां में गढ़े गए नए राजनीतिक समीकरण
हालात ने सामाजिक समीकरण का एक नया फार्मूला गढ़ दिया। बोचहां में भाजपा को आरजीडे सीधे टक्कर दे रही थी। वहीं एनडीए से अलग हुई मुकेश साहन की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) तीसरी पार्टी बनकर उभरी जिसने बोचहां में बीजेपी की लुटिया डुबो दी। हलांकी वीआईपी अपने उद्देश्य में काफी हद तक सफल होती दिखी। उसे अपने प्रदर्शन से ज्यादा भाजपा की हार की अपेक्षा थी और हुआ भी वही। बोचहां उपचुनाव में वीआईपी की गीता कुमारी तीसरे स्थान पर,जबकि कांग्रेस 6वें स्थान पर रही । यहां कुल 25 राउंड की काउंटिंग में आरजेडी उम्मीदवार अमर पासवान को 82562 वोट मिले। बीजेपी की बेबी कुमारी को 45909 और VIP की गीता कुमारी को 29279 मत प्राप्त हुए।
VIP की बदले की भावना ने बिगड़ बीजेपी का खेल
बोचहां में राजद की जीत अब नए जातीय गठजोड़ की ओर बढ़ सकता है। जहां से भूमिहार समाज के साथ मुकेश साहनी की पार्टी वीआईपी कहां होगी यह देखने वाली बात है। हलांकि एक बात तो तय हो चुकी है कि बिहार की सियासत का गढ़ बन चुके बोचहां की तीसरी बड़ी दावेदार वीआइपी (VIP) है। जिसने बिहार में भाजपा की कृपा से सरकार में शामिल रहने के बावजूद यूपी के विधानसभा चुनाव में भाजपा के रास्ते में अड़ंगा डालने की कोशिश की थी। जब भाजपा ने वीआइपी प्रमुख एवं मंत्री मुकेश सहनी (Ex Minister Mukesh Sahani) को सरकार से बाहर का रास्ता दिखाया तो बोचहां में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही उन्होंने बदले की भावना से काम करना शुरू कर दिया।नए आधार की तलाश में VIP ने BJP को पहुंचाई करारी चोटबोचहां विधानसभी चुनाव उनके लिए करो या मरो की स्थिति वाला था। वीआईपी ने अपनी सारी एनर्जी भाजपा को हराने के लिए प्रयोग की। विकासशील इंसान पार्टी प्रमुख को यह आशा है कि अब भाजपा के हारने के बाद उन्हें अपनी पार्टी के लिए फिर आधार तलाशना आसान होगा।

तेजस्वी लिटमस टेस्ट में पास
बोचहां भूमिहार बाहुल्य क्षेत्र है। ऐसे में आरजेडी के लिए यहां जीत दर्ज करना आसान नहीं था। यहां मुस्लिम-यादव समीकरण से अलग हटकर सोचने की आवश्यकता थी। जिसके चलते यह तेजस्वी के यादव के लिए किसी लिटमस टेस्ट से कम नहीं था। लेकिन इस काम को आसान करने वाली वीआईपी भी थी, जिसका मात्र एक उद्देश्य भाजपा का हराना था।
मल्लाह समाज का बीजेपी से बदला
भूमिहार बहुल इलाकों में BJP को बड़ा झटका लगा है। समाज ने RJD को वोट दे दिया है। माना जा रहा है कि मल्लाह समाज ने भी मुकेश सहनी के अपमान का बदला बीजेपा को हराकर ले लिया। RJD सिर्फ पहले राउंड में ही पीछे रही, उसके बाद उसकी बढ़त कम नहीं हुई।