बिहार में एक बार फिर से सत्ता परिवर्तन हुआ है. बीजेपी और जेडीयू का गठबंधन टूट गया है. सीएम नीतीश कुमार राज्यपाल फागू चौहान को अपना इस्तीफा सौंप चुके हैं. अब महागठबंधन के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं. नीतीश कुमार बुधवार दोपहर 2 बजे एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. 21 महीने में यह दूसरा मौका है जब वह सीएम पद की शपथ लेंगे. 17 साल में यह आठवीं बार सीएम बनेंगे, जो बिहार के इतिहास में रिकॉर्ड होगा. नीतीश के साथ आरजेडी नेता और लालू के छोटे बेटे तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) पद की शपथ लेंगे.

इधर, एनडीए गठबंधन तोड़ने के खिलाफ बुधवार सुबह 10 बजे से भाजपा प्रदेश कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करेगी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय के सामने धरने पर बैठेंगे. 12 अगस्त को जिला मुख्यालय और 13 अगस्त को प्रखंड मुख्यालयों पर भी धरना देंगे.

नीतीश कुमार को 164 विधायकों का समर्थन मंगलवार शाम को नीतीश कुमार ने राज्यपाल फागू चौहान को 7 पार्टियों के 164 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंपी थी. इसके बाद वे राबड़ी देवी के आवास पहुंचे, जहां उन्हें महागठबंधन का नेता चुना गया. जीतन राम मांझी की पार्टी HAM भी नीतीश के साथ आ गई. इसके बाद नीतीश और तेजस्वी एक बार फिर राज्यपाल से मिले.

BJP-JDU का 21 महीने पुराना गठबंधन टूटा नीतीश कुमार के इस कदम के बाद बीजेपी और जेडीयू का 2020 में बना गठबंधन टूट गया है. इस्तीफा सौंपने के बाद नीतीश कुमार ने राजभवन में कहा था कि पार्टी के विधायकों और सांसदों ने एक स्वर में NDA से गठबंधन तोड़ने की बात कही है.

नीतीश कुमार ने धोखा दिया-रविशंकर प्रसाद

नीतीश कुमार के इस कदम के बाद बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रसाद ने नीतीश कुमार पर धोखा देने का आरोप लगाया. उन्होंने पूछा- ‘2020 में नीतीश कुमार बीजेपी के साथ क्यों थे. इसके बाद 2017 में भी वे साथ आए. 2019 में लोकसभा और 2020 में विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ा. अब ऐसा क्या हुआ जो हम खराब हो गए.’