बिहार से एक दिलचस्प वाकया सामने आया है. जिस ऑफिस में मां कभी झाड़ू लगाया करती थी, आज उसी कार्यालय में अब उसका बेटा अफसर बनकर आया है. ये प्रेरक कहानी है अरवल जिले के अगिला की सावित्री देवी और उसके अफसर बेटे की. दरअसल सावित्री देवी नौकरी लगने से गांव में किराना दुकान चलाती थी. और इसी दुकान की बदौलत वह अपने परिवार का भरण-पोषण करती थी. सावित्री देवी के पति राम बाबू प्रसाद किसान थे. दोनों पति-पत्नी कड़ी मेहनत से किसी तरह परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे.

साल 1990 का समय था. जब बिहार सरकार में चतुर्थवर्गीय कर्मचारी की वेकेंसी निकली. सावित्री देवी ने 8वीं तक की पढ़ाई की है. ऐसे में उन्होंने नौकरी के लिए आवेदन दे दिया. सावित्री देवी को यह सरकारी नौकरी मिल भी गई. उस समय उनका बेटा मनोज कुमार मैट्रिक का छात्र था. सावित्री देवी की पहली पोस्टिंग बिहार सचिवालय में हुई. जहां वह ऑफिस में झाड़ू लगाने का काम करती थी. उसके बाद गया और फिर 2003 में जहानाबाद और इसके बाद वह 2006 में फिर पटना सचिवालय आ गईं. पटना सचिवालय से ही 2009 में सावित्री देवी रिटायर हो गई.

सावित्री देवी का बेटा मनोज कुमार अनुमंडल पदाधिकारी यानि एसडीओ के पद पर जहानाबाद में तैनात हुआ. हालांकि विद्यार्थी जीवन के दौरान मनोज कुमार अक्सर अपने मां से मिलने अनुमंडल कार्यालय जहानाबाद आते रहते थे. तब ही उन्होंने मन में ठान लिया था कि पढ़-लिखकर मैं भी बड़े साहब की तरह कुर्सी पर बैठूंगा. मनोज कुमार बताते हैं कि उनकी मां इसके लिए हमेशा उन्हें प्रेरित करती थी. इसी का नतीजा है कि आज वे उसी कार्यालय में एसडीओ के पद पर विराजमान है, जहां उनकी मां झाड़ू लगाया करती थी. मनोज कुमार की एसडीओ के रूप में पहली पोस्टिंग जहानाबाद में ही हुई. इससे पहले वह पटना में ग्रामीण विकास विभाग में अधिकारी रहे थे, जहां से उन्होंने नौकरी की शुरुआत की थी.