बिहार के रोहतास में रेलवे ने विकास की नई इबारत लिखी है. जिले के सोन नदी पर एक साथ पांच फ्रेट ट्रेनों (मालगाड़ी) का सफल परिचालन किया गया. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. ऐसे में डेहरी के सोन नदी पर बने रेल पुल पर एक साथ पांच ट्रेनों का परिचालन कर रेलवे ने एक और नया कीर्तिमान स्थापित किया है.

एक साथ पांच ट्रेनों का परिचालन: बिहार के डेहरी में सोन नदी पर बने पुल से फिलहाल एक साथ 5 ट्रेनों का परिचालन हुआ है. बता दें कि एक साथ 6 ट्रेनों के सोन ब्रिज से गुजरने की व्यवस्था भी की गई है. इसका सफल ट्रायल भी कर लिया गया है. गया-पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलखंड पर रेलवे ने पांच ट्रेनों का सफल परिचालन कर इतिहास बनाया है.

इन राज्यों से गुजर रही कोरिडोर: दरसअल साहनेवाल से लेकर पश्चिम बंगाल के दनकुनी तक डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर का निर्माण हुआ है. जिसके तहत वेस्टर्न कोरिडोर में 1504 किलोमीटर और स्टैंड कोरिडोर में 1856 किलोमीटर की दूरी का परिचालन शामिल है. इसके तहत पंजाब, यूपी, हरियाणा, बिहार और झारखंड से होकर यह कोरिडोर गुजर रही है.

क्या है ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना: डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का मतलब ऐसी रेल लाइन से है, जिसका इस्तेमाल सिर्फ मालगाड़ियों के आवागमन के लिए किया जाएगा. मालगाड़ी की गति ज्यादा धीमी होती है. इसकी वजह से यात्री गाड़ियों को रास्ता देने के लिए मालगाड़ियों को रोका जाता है. ईस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर से यह समस्या दूर होगी. मालगाड़ियों के लिए अलग रेल लाइन होने से उनकी रफ्तार बढ़ेगी. माल ढुलाई में कम वक्त लगेगा. इससे ईंधन की भी बचत होगी.