कोशिश करते रहो, एक दिन मंजिल मिल ही जाएगी. इसी कहवात को नवादा की अरुणिमा ने चिरतार्थ कर दिखाया. दो बार लगातार असफलता मिलने के बाद भी कोशिश जारी रखी और तीसरे बार में वह मुकाम हासिल कर लिया, जिसके लिए कई सालों से मेहनत कर रहीं थी. रिटायर्ड दरोगा की नवादा की बेटी अरुणिमा ने 31वीं न्यायीक सेवा परीक्षा (Judicial Service Exam 2022) पास कर पूरे जिले का नाम (Arunima Of Nawada Becomes Civil Judge) रोशन किया है. पोस्टमार्टम रोड निवासी एससी-एसटी थाना से थानाध्यक्ष के पद से रिटायर्ड दरोगा दिनकर दयाल ने बताया कि अरुणिमा शुरू से ही पढ़ाई में मेधावी थी.

दो बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी: अरुणिमा ने मैट्रिक की परीक्षा राजकीय कन्या इंटर विद्यालय नवादा से पास की. इसके बाद इंटर और स्नातक की पढ़ाई के लिए आरएमडब्ल्यू कॉलेज में प्रवेश लिया. विधि महाविद्यालय नवादा से लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद जज की तैयारी करने के लिए दिल्ली चली गई. इस दौरान दो बार सिविल जज के लिए परीक्षा दी. लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी. फिर भी हार नहीं मानी और कोशिश जारी रखा. अरुणिमा को परिवार का भी पूरा सहयोग मिला.

अरुणिमा ने तीसरी बार में सफलता हासिल की: परीक्षा में दो बार असफलता मिलने के बाद भी अरुणिमा ने हिम्मत नहीं हारी और मेहनत से पढ़ाई में लग गई. जिसका परिणाम यह हुआ कि तीसरी बार में परीक्षा पास कर लिया. अरुणिमा के पिता दिनकर दयाल ने कहा कि मेरा सपना था कि बेटी न्यायिक पदाधिकारी बने. आज वह सपना पूरा हो गया है.

उन्होंने बताया कि अरुणिमा की तीन बहने हैं. बड़ी पुत्री चंद्रप्रभा पटना में कार्यक्रम अधिकारी के तौर पर पोस्टेड है. जबकि दूसरी पुत्री शशि प्रभा बैंक में पीओ और तीसरी बहन अभी पढ़ाई कर रही है. दो भाई भी है, जो अभी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं.

“दिल्ली जाकर सिविल जज परीक्षा के लिए कोचिंग की, इसके बाद घर वापस आ गए. घर में सेल्फ स्टडी करती रही, जिसका परिणाम आपके सामने है. मैंने दसवीं, इंटर, बीए और लॉ की डिग्री कोर्स नवादा से ही किया है” – अरुणिमा, उत्तीर्ण परीक्षार्थी