News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में भाजपा लगातार किस तरह अजेय होती जा रही है, यह किसी को बताने की जरूरत नहीं है। एक के बाद एक भारतीय जनता पार्टी ऐसे दांव खेलती है कि समर्थन वाले तो समर्थन में हैं ही, विरोधी भी चित हो जाते हैं। भाजपा के हालिया दांव के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Bihar Ex CM Jitan Ram Manjhi) को भी कहना पड़ा कि – मोदी है तो मुमकिन है…। आपको बता दें कि मांझी कई मसलों पर भाजपा के प्रबल विरोधी रहे हैं। वे खुद और उनकी पार्टी के दूसरे नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की कई नीतियों से खुलकर असहमति जताते रहे हैं। लेकिन इस बार बाजी पलट गई है।

द्रौपदी मुर्मू के उम्मीदवार बनते ही सधे कई राजनीतिक समीकरण
राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी नेता और शिक्षाविद द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को उम्मीदवार बनाए जाने के भाजपा के फैसले के बाद मांझी ने कहा कि ये हमारे लिए गर्व का क्षण है। मांझी ने कहा कि द्रौपदी मुुुर्मू आदिवासी समुदाय की शान हैं। मांझी ने कहा कि ये गर्व का विषय है कि लगातार दूसरी बार हमारे ही बीच से कोई राष्ट्रपति बनने जा रहा है। मांझी का इशारा राम नाथ कोविंद की तरफ था। इसी के साथ उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मोदी है तो मुमकिन है।

राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी नेता और शिक्षाविद द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को उम्मीदवार बनाए जाने के भाजपा के फैसले के बाद मांझी ने कहा कि ये हमारे लिए गर्व का क्षण है। मांझी ने कहा कि द्रौपदी मुुुर्मू आदिवासी समुदाय की शान हैं। मांझी ने कहा कि ये गर्व का विषय है कि लगातार दूसरी बार हमारे ही बीच से कोई राष्ट्रपति बनने जा रहा है। मांझी का इशारा राम नाथ कोविंद की तरफ था। इसी के साथ उन्होंने ट्वीट कर कहा कि मोदी है तो मुमकिन है।

मांझी के फैसले से जदयू पर बढ़ा दबाव
मांझी के इस फैसले के बाद बिहार की सरकार में शामिल भाजपा और हम के अलावा तीसरे अहम दल जदयू पर भी दबाव बढ़ गया है। जदयू ने अभी तक राष्ट्रपति चुनाव में अपनी भूमिका पर एलान नहीं किया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि वे उम्मीदवार तय होने के बाद इस बारे में सोचेंगे। जदयू के मुख्य प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में किसे समर्थन किया जाएगा, इस पर फैसला लिया जाना बाकी है। नीतीश कुमार की पार्टी पहले भी अपने गठबंधन से बाहर जाकर राष्ट्रपति चुनाव में मतदान कर चुकी है। पिछले राष्ट्रपति चुनाव के वक्त नीतीश कुमार, कांग्रेस -राजद के महागठबंधन के साथ थे। लेकिन, उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन किया था। इस बार भी उन्होंने अपने रुख पर संशय बरकरार रखा है।