गोपालगंज के दिव्यांश शुक्ला ने आईएएस बनकर जहां अपना प्रतिभा साबित किया है. वहीं बेटे की इस उपलब्धि से उसके घर में भी जश्न का माहौल है. गांव के लोग खुशी से झूम उठे हैं और एक दूसरे को मिठाईयां बांट रहे हैं. गोपालगंज के थावे प्रखंड के वृंदावन गांव के रहने वाले दिव्यांश शुक्ला को यूपीएससी की परीक्षा में 153वां रैंक मिला है. और रैंक के साथ ही वह देश के सबसे प्रतिष्ठित आईएएस के लिए चयनित हुए हैं. दिव्यांश शुक्ला के पिता का नाम सुभाष शुक्ला है.

बेटे की उपलब्धि से गदगद सुभाष शुक्ला ने बताया कि वे केंद्रीय विद्यालय गोरखपुर एयरपोर्ट में प्रवक्ता है. उनकी तीन बेटियां और सबसे छोटा बेटा दिव्यांश है. उनके सभी बच्चों ने केवीएस गोरखपुर, एयरपोर्ट से ही पढ़ाई पूरी की है. उनके सबसे छोटे और इकलौते बेटे दिव्यांश शुक्ला ने भी केंद्रीय विद्यालय गोरखपुर से ही 10वीं और 12वीं की परीक्षा पास की है. वह बचपन से ही होनहार है. उसने ने 12वीं क्लास में भी टॉप किया था. पिता ने बताया की दिव्यांश ने आईआईटी बीएचयू से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की.

इसी दौरान उसका कैंपस सिलेक्शन सीसीएल कोलियरी धनबाद में हो गया. वह वही पर जॉब कर रहा था और इसके साथ ही वह आईएएस की तैयारी भी कर रहा था. इस बार दूसरे अटेम्प्ट में ही दिव्यांश ने 153वी रैंक लाकर यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है. दिव्यांश की इस उपलब्धि से घर में और गांव में जश्न का माहौल है. गांव के लोग भी परिवार वालों को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं. दिव्यांश के पिता सुभाष शुक्ला ने कहा कि हर बेटे को अपनी लक्ष्य हासिल करते रहने तक प्रयास नहीं छोड़ना चाहिए. तभी उसे यह सफलता हाथ लगेगी. बहरहाल दिव्यांश की इस उपलब्धि से गोपालगंज के लोगों में भी खुशी का माहौल है.

बता दें कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 के अंतिम परिणाम में कुल 685 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है. जिसमें 508 पुरुषों और 177 महिलाओं ने क्वालीफाई किया है. बिहार के भी कई छात्र-छात्राओं ने इसमें अपनी जगह बनायी है. सबसे मजेदार बात यह है कि यूपीएससी द्वारा घोषित सिविल सेवा परीक्षा 2021 के टॉप-3 में लड़कियों श्रुति शर्मा, अंकिता अग्रवाल और गामिनी सिंगला ने बाजी मारी है. वर्ष 2020 में यूपीएससी में बिहार के शुभम ने पहला रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया था.