Patna. नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार में बनी नई नवेली महागठबंधन सरकार के कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार उर्फ मास्टर कार्तिक ही कानून की नजरों में फरार चल रहे हैं. यह मामला 2014 के एक अपहरण केस से संबंधित है. बड़ी बात यह है कि जिस दिन उन्हें कोर्ट में पेश होना था वो पुलिस की फाइल में फरार दिखे इसके बाद वारंट जारी किया गया लेकिन उसी वक्त वो पटना स्थित राजभवन में मंत्री पद की शपथ ले रहे थे.

हालांकि बिहार के मंत्री ने आरोपों को खारिज कर दिया है. कार्तिकेय का दावा है कि उन्हें इस मामले में साजिश के तहत फंसाया गया था. दरअसल मामला 2014 में बाहुबली पूर्व विधायक अनंत सिंह और अन्य से संबंधित है जो कथित रूप से बिहटा में राजू सिंह का अपहरण करने गए थे. इस मामले में केस बिहटा थाने में दर्ज किया गया था. इसमें कार्तिकेय कुमार भी आरोपी बनाए गए थे. घटना के दौरान अनंत सिंह के काफिले की एक गाड़ी गुस्साए लोगों द्वारा जला दी गई थी. कार्तिकेय कुमार के खिलाफ भी इस केस में वारंट जारी किया गया था.

उन्हें 16 अगस्त 2022 को दानापुर कोर्ट में हाजिर होने को कहा गया था लेकिन वह पुलिस की फाइल में फरार दिखाए गए. इस दौरान वो मंत्री पद की शपथ ले रहे थे. इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने सफाई दी है और खुद को बेकसूर बताते हुए विपक्ष को बेवजह मुद्दा तुल देने का आरोप लगाया है. भाजपा ने इस मामले में कहा कि नई सरकार में जंगलराज की वापसी शुरू हो गई है. गौरतलब है कि कार्तिकेय उर्फ मास्टर कार्तिक स्थानीय प्राधिकार से विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित हुए थे. मोकामा के बाहुबली अनंत सिंह के कार्तिकेय काफी करीबी माने जाते हैं.

मास्टर कार्तिकेय ने स्नातक तक की शिक्षा ग्रहण की है. रुद्रावती हाई स्कूल मोकामा में 1980 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने वाले कार्तिकेय ने इंटर किया और 1985 में मोकामा से कला विषय में स्नातक भी पास किया. मास्टर कार्तिकेय खेती-व्यवसाय के साथ ही समाज सेवा से भी जुड़े रहे हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान वो राजद में आए थे. 2022 में विधान परिषद चुने गए और नीतीश कैबिनेट में मंत्री भी बन गए. कार्तिकेय के खिलाफ पटना के कोतवाली थाना समेत मोकामा और बिहटा में अपराधिक मामले दर्ज बताये जाते हैं.