सौम्या शर्मा ने पहले प्रयास में क्रैक किया था UPSC

UPSC की सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है और हर साल लाखों छात्र इसमें शामिल होते हैं। इस परीक्षा का सफर बेहद कठिन होता है और एक अटेम्प्ट में बहुत कम ही लोग इसे क्रैक कर पाते हैं। आज हम आपके लिए एक ऐसी IAS अधिकारी की कहानी लेकर आए हैं जिन्होंने पहले ही प्रयास में परीक्षा को क्रैक किया था। IAS सौम्या शर्मा सुन नहीं सकती हैं, लेकिन उन्होंने जो मुकाम हासिल किया है वह हम सभी के लिए बेहद प्रेरणादायक है।

16 साल की उम्र में खो दी थी सुनने की शक्ति

IAS सौम्या शर्मा दिल्ली की रहने वाली हैं। स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने दिल्ली के ही नेशनल लॉ स्कूल से वकालत की पढ़ाई की थी। वकालत के आखिरी साल में सौम्या शर्मा ने यूपीएससी परीक्षा में शामिल होने का फैसला किया। 16 साल की उम्र में अचानक ही सौम्या की सुनने की शक्ति चली गई थी और उनके माता-पिता डॉक्टरों के पास सौम्या के इलाज के लिए चक्कर लगाते रहे। इसके बावजूद सौम्या ने कभी हार नहीं मानी और हमेशा आगे बढ़ने की कोशिश में करती रहीं।

10वीं में किया था टॉप

सौम्या भले ही सुन नहीं सकती थीं लेकिन उन्होंने विकलांग कोटे के तहत यूपीएससी सिविल सेवा फॉर्म भरने से इनकार कर दिया और सामान्य श्रेणी का विकल्प चुना। सौम्या अपने स्कूल के दिनों से पढ़ाई में अच्छी रही। उन्होंने 10वीं में टॉप किया था।

4 महीने की तैयारी में 9वीं रैंक हासिल की

सौम्या शर्मा ने साल 2017 में यूपीएससी परीक्षा में 9वीं रैंक हासिल की थी। उस दौरान उनकी मार्कशीट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी। सौम्या को सभी पेपर में बेहतरीन अंक मिले थे। हैरानी की बात यह है कि सौम्या ने सिर्फ 4 महीने की तैयारी में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा सफलता हासिल की थी।

3 साल की उम्र से पढ़ रही थीं अखबार

दरअसल, सौम्या ने लॉ के आखिरी साल में ही UPSC की परीक्षा देने का निर्णय लिया था। वह शुरू से ही करंट अफेयर्स में रुचि रखती है और उन्होंने 3 साल की उम्र से ही अखबार पढ़ना शुरू कर दिया था। यूपीएससी क्रैक करने के लिए सौम्या हर दिन 16 घंटे से अधिक स्टडी करती थीं और यही कारण है कि उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें पहले ही प्रयास में सफलता दिला दी।