Bihar Poltics Crisis: बिहार में एक बार फिर सरकार बदलने को है. जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन मंगलवार को टूट गया. गठबंधन टूटने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने बार बार अपमानित किया और उनकी पार्टी में फूट डालने की कोशिश की. गठबंधन टूटने के साथ ही लोगों के जहन में सीएम नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की इस साल की वह तस्वीर तैर गई जिसमें ईद के दिन दोनों साथ दिखे थे. इस तस्वीर में सीएम नीतीश और लालू परिवार के बीच दिखी ‘ट्यूनिंग’ की खूब चर्चा हुई थी. ईद के दिन दिखी वो तस्वीर अब बिहार की हकीकत बन गई है. उसी दिन दोनों के बीच गुपचुप बात हो गई थी. 

यह इत्तफाक है कि ईद के दिन गले मिलने वाले नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने बीजेपी मुहर्रम के महीने में गम दे दिया. नीतीश कुमार के इस्तीफे और उनके द्वारा लगाए गए आरोप के बाद भी अब तक बीजेपी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. समझा जाता है कि बीजेपी, इसके लिए पहले से तैयार थी और वह आगे के लिए डैमेज कंट्रोल की रणनीति बनाने में जुटी हुई है.

इसी साल जनवरी में लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा था कि बिहार की मौजूदा सरकार गिर जाएगी. वहीं फिर अप्रैल में उनकी नीतीश कुमार से ‘गुप्त वार्ता’ हुई थी. उन्होंने यह दावा एक इफ्तार पार्टी के बाद किया था. तेज प्रताप ने कहा था- सरकार बनाएंगे. यह सीक्रेट है. हमारी सीक्रेट बातचीत हुई है. 

इन मुद्दों पर भी अलग थे JDU-BJP के सुर लेकिन साथ थी RJD!

इसके अलावा जातिगत जनगणना पर भी जदूय और राजद का स्टैंड एक जैसा था. तेजस्वी यादव की तमाम मांगों के बाद सरकार ने जातिगत जनगणना पर सर्वदलीय बैठक की थी जिसमें तेजस्वी की मांग के अनुरूप फैसला किया गया था. इसके साथ ही अग्निपथ योजना पर भी राजद और जदयू, एक साथ थे. हालांकि जदयू ने कभी खुल कर इस मुद्दे पर अपना पक्ष नहीं रखा लेकिन बीजेपी के बयानों से उसने दूरी बनाए रखी.

 JDU ने बीजेपी द्वारा जनसंख्या कानून और लाउडस्पीकर पर बैन जैसे मुद्दों से भी दूरी बनाई. यह बात दीगर है कि JDU ने बीते दिनों संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव और उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA के उम्मीदवारों का समर्थन किया लेकिन  इससे जुड़े कई अहम कार्यक्रमों में नहीं गए. वहीं नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक में भी नहीं गए.