आज पूरे देश में महाशिवरात्रि मनाई जा रही है। महादेव को प्रसन्न करने और उनकी आराधना के लिए महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत ही खास माना जाता है। आज घर-घर और गली-गली हर-हर महादेव की गूंज सुनाई दे रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है।  

आज कैसे करें शिवलिंग का रुद्राभिषेक ?

हिंदू धर्म में भगवान शिव की कृपा पाने के लिए रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व होता है। शिललिंग का अभिषेक करते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए।

– रुद्राभिषेक करते समय दिशा का ध्यान देना बहुत ही जरूर होता है। रुद्राभिषेक में भक्त का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए।
– सबसे पहले गंगाजल शिवलिंग को चढ़ाएं और अभिषेक करते हुए शिवजी के मंत्रों का लगातार जाप करें। 
– आपको अभिषेक के दौरान शिवजी के विभिन्न मंत्रों जैसे महामृत्युंजय मंत्र,  शिव तांडव स्तोत्र, रुद्र मंत्र और ऊं नम:शिवाय का जाप करें।
– गंगाजल से अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर गन्ने का रस, शहद ,दूध, दही और बेल पत्र अर्पित करें। 
– फिर इसके बाद शिवलिंग के ऊपर चंदन का लेप लगाएं और सभी तरह की पूजा चीजें चढ़ाएं।

महाशिवरात्रि पूजा विधि 2023

आज सबसे पहले स्नान करके व्रत का संकल्प लेते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करें। फिर इसके बाद अपने घर के पास मंदिर जाकर शिवजी का दर्शन करके पूजा शुरू करें। पूजा में चन्दन, मोली ,पान, सुपारी,अक्षत, पंचामृत,बिल्वपत्र,धतूरा,फल-फूल,नारियल इत्यादि शिवजी को अर्पित करें। भगवान शिव को अत्यंत प्रिय बेल को धोकर चिकने भाग की ओर से चंदन लगाकर चढ़ाएं। ‘ॐ नमः शिवाय’ मन्त्र का उच्चारण जितनी बार हो सके करें। 

जानिए महाशिवरात्रि का महत्व 

शिवपुराण में महाशिवरात्रि व्रत का महत्व बताया गया है। इस दिन व्रत करने और भगवान शिव की पूजा और मंत्रों के जाप से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भोलेनाथ की विधि-विधान के पूजा-अर्चना करें। शास्त्र के नियमों के अनुसार शिव मंत्रों का जाप करें।

भोलेनाथ को शमी पत्र भी प्रिय है 

शिवजी की पूजा-उपासना में शमी के पत्रे को भी शामिल किया जाता है। शमी के पत्ते शनिदेव को बहुत प्रिय है, लेकिन ये पत्ते शिवलिंग पर भी चढ़ाए जाते हैं। शिवलिंग पर अभिषेक करने के बाद शमी के पत्ते चढ़ाएं। ऐसा करने से भोलेनाथ के साथ-साथ शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी।