नई दिल्ली : बुलंद हौंसलो और कड़ी मेहनत से जिंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है। आज भी ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत के जरिये ही अपने सपनों को पूरा किया है। आज ऐसी ही एक महिला अफसर की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं जो आज सिर्फ लड़कियों के लिए ही नहीं बल्कि हर स्टूडेंट के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

ये महिला अफसर कोई और नहीं बल्कि यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2020 में 5वीं रैंक हासिल करने वाली ममता यादव गईं। ममता हरियाणा के गुरुग्राम के बसई गाँव की रहने वाली हैं। आज ममता ने अपनी कड़ी मेहनत से अपने माता पिता का नाम रोशन कर दिया है। ममता अपने गाँव की पहली आईएएस अफसर हैं।
आइए जानते हैं ममता यादव के सफर से जुड़ी खास बातें
रेलवे की नौकरी छोड़ बनी आईएएस अफसर हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली ममता यादव आज अपनी कड़ी मेहनत से सफलता की इबारत को लिख चुकी हैं। ममता ने यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2020 में 5 वीं रैंक हासिल की थी। हालांकि इससे पहले भी ममता ने परीक्षा को पास किया था जिसमें उन्हें 556 वीं रैंक मिली। इस रैंक के बाद ममता को रेलवे में ए ग्रेड नौकरी मिली लेकिन ममता इससे खुश नहीं थी। इसलिए उन्होंने वापस से तैयारी करना शुरू कर दिया।
दूसरे प्रयास में ममता ने 5 वीं रैंक हासिल की और अपना सपना पूरा किया। ममता के पिता एक निजी कंपनी में काम करते हैं और उनकी माँ एक गृहिणी हैं लेकिन ममता ने आज अपने माता पिता का नाम रोशन कर दिया है। खास बात तो ये है कि ममता अपने गाँव की पहली महिला आईएएस अफसर हैं। ममता हमेशा से ही पढ़ाई में अव्वल रही हैं और उन्हें अपनी मेहनत का फल भी अब मिल चुका है।

सेल्फ स्टडी से हासिल की सफलता बताया जा रहा है कि ममता ने कोचिंग के साथ साथ सबसे ज्यादा सेल्फ स्टडी पर ध्यान दिया। पहले वे 8-10 घंटे पढ़ाई कर रही थी लेकिन जब उन्हें कमी लगी तो उन्होंने 10-12 घंटे पढ़ाई करना शुरू कर दिया। वहीं ममता ने एनसीईआरटी को भी अच्छे से पढ़ा और अपने बेसिक्स को तैयार किया। आज वे कई स्टूडेंट्स के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।