राज्य में पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार के निर्देश पर सीमावर्ती जिलों में खनिज का खनन करने की तैयारी की जा रही है। राज्य के कई हिस्सों में खनिज के प्रकार मिले है जिसके बाद राज्य सरकार लगातार इसपर नजर बनायीं हुई है। माना जा रहा है कि बरसात के बाद इसके लिए खनन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जायेगी। खनन के लिए एजेंसी का चयन टेंडर के माध्यम से अगले दो महीने में होने की संभावना है। इन खनिजों से संबंधित उद्योग रोहतास और औरंगाबाद जिले में लग सकते हैं।

खनन एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति
बता दें कि बीते दिनों ट्रांजेक्शनल एडवाइजर के चयन के लिए खान एवं भूतत्व विभाग की अपर मुख्य सचिव हरजोत कौर बम्हरा की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इस बैठक में एसबीआइ कैप, क्रिसिल और जीएसआई सहित विभाग के अधिकारी शामिल थे। बैठक में नौ खनिज ब्लॉक की नीलामी प्रक्रिया पर भी चर्चा हुई। टेंडर के माध्यम से खनन एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी थी।

उधोग को मिलेगा बढ़ावा
निकेल का उपयोग लोहे व अन्य धातुओं पर परत चढ़ाकर उन्हें जंग लगने से बचाने के लिए किया जाता है. यह एक लौह चुम्बकत्व रखने वाला तत्व है और इससे बने चुम्बक कई उद्योगों में इस्तेमाल होते हैं। इसके अलावा निकेल को इस्पात में मिलाकर उसे ‘स्टेनलेस’ (जंग-रोधक) बनाया जाता है. जबकि क्रोमियम का उपयोग मिश्रधातु बनाने में किया जाता है। स्‍टील को अधिक कठोर बनाने, चर्मशोधन में यह काम आता है। मानव शरीर में ग्‍लूकोज को नियंत्रित करने में भी यह कारगर है. शीशे को हरा रंग देने, क्रोम प्‍लेटिंग समेत अन्‍य कार्यों में यह प्रभावी है. इसका उपयोग तेल उद्योग में उत्प्रेरक, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और जंग अवरोधक के रूप में किया जाता है।