बिहार के तकरीबन सभी हिस्सों में पिछले कुछ दिनों में अच्छी बारिश हुई थी. इससे खेतीबारी के काम में तेजी आई. बीच में एक अंतराल के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून मजबूत हुआ था. इससे किसानों के साथ ही आमलोगों ने भी राहत की सांस ली थी. भारतीय मौसम विभाग ने एक बार फिर से मानसून की सक्रियता को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है. IMD के ताजा अपडेट की मानें तो बिहार में फिलहाल अच्छी बारिश होने की संभावना न के बराबर है. इससे खेती-किसानी से जुड़ी गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका फिर से गहरा गई है. सूखे के हालात भी पैदा हो सकते हैं. दूसरी तरफ, औसत सामान्य तापमान में भी वृद्धि होने की संभावना है. ऐसे में लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना भी करना पड़ सकता है. प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में ठीक-ठाक बारिश रिकॉर्ड की गई. तेज हवा के साथ बारिश होने से मौसम में ठंडकपन आ गया था. अब एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदलने की संभावना बढ़ गई है.

बिहार में कुछ दिनों की सक्रियता के बाद दक्षिण-पश्चिम मानसून अब एक बार फिर से कमजोर पड़ने लगा है. प्रदेश में 2 दिनों तक अच्छी बारिश होने के बाद अब मानसून टर्फ लाइन मध्य भारत की ओर शिफ्ट हो गया है. इससे पूर्वी भारत में बारिश की संभावना अब बेहद कम है. बता दें कि दक्षिण बिहार के कई जिलों में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं. खासकर नवादा, नालंदा, शेखपुरा, औरंगाबाद, रोहतास समेत दक्षिण बिहार के अन्य हिस्सों में सूखे के हालात पैदा होते दिखाई पड़ने लगे हैं. मौसम विज्ञानियों के ताजा पूर्वानुमान की मानें तो प्रदेश में अब छिटपुट बारिश ही होगी. मूसलाधार बारिश या सामान्य तौर पर तेज बारिश होने की संभावना बेहद कम है.

सामान्य से 32% कम बारिश
बिहार में कुछ दिनों तक अच्छी बारिश होने के बाद अब एक बार फिर से बादलों के खामोश होने की संभावना जताई गई है. इसका मतलब यह हुआ कि प्रदेश में अब बारिश की संभावना बेहद कम है. ऐसे में खेती-किसानी का काम प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है. फिलहाल बिहार में सामान्य से 32 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है. यदि आने वाले समय में अच्छी बारिश नहीं हुई और दक्षिण-पश्चिम मानसून कमजोर पड़ता गया तो हालात और भी खराब हो सकते हैं. खासकर धान की फसल के प्रभावित होने की आशंका बढ़ जाएगी.