‘मैं अभी दोपहर में मनरेगा कार्यस्थल से ही लौटूी हूं। हमारे गांव रामपुरा से थोड़ी ही दूर पर नाड़ी (जलाशय) का काम चल रहा है। वहां मैं रेता ढोने के लिए रोज सुबह साढ़े सात बजे जाती हूं। इन दिनों मनरेगा में साथी मजदूर बस एक ही सवाल बार-बार पूछते हैं कि बेटा कलेक्टर बन गया। इसलिए अब तगारी उठाना कब छोड़ रही हो?’

सोहनलाल, गांव रामनगर, तिवरी जोधपुर
यह कहना है राजस्थान के जोधपुर जिले की तिवरी तहसील के गांव रामपुरा के राम नगर की मीरा देवी का। पहले इनकी पहचान मनरेगा श्रमिक मीरा देवी के रूप में हुआ करती थी। अब ये अफसर सोहनलाल की मां के रूप में भी पहचानी जा रही हैं, जो इनके लिए गर्व की बात की है। बेटे के ज्वाइन करने के बाद ये मनरेगा में मजदूरी करना भी छोड़ देंगी।
सोहनलाल AIR 681 यूपीएससी 2021
संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा 2021 में मीरा देवी के बेटे सोहनलाल सिहाग ने भी कामयाबी हासिल की है। 30 मई 2022 को घोषित हुए UPSC CSE 2021 के नतीजों में सोहनलाल को 681वीं रैंक मिली है। अभी कैडर अलॉट नहीं हुआ है, मगर मजदूर मां की खुशी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि वो कहती हैं ‘बेटा सोहनलाल आईएएस बन गया। अब वो कलेक्टर की कुर्सी पर बैठेगा’

सोहनलाल के पिता का इंटरव्यू
वन इंडिया हिंदी से बातचीत में IAS सोहनलाल के पिता गोरधन राम सिहाग ने अपने तीन बेटों व एक बेटी को मुश्किल आर्थिक हालात में भी पढ़ने-लिखने का भरपूर अवसर देने और काबिल बनाने की पूरी कहानी बयां की। जोधपुर जिले के गांव रामपुर में 15 बीघा जमीन पर खेती करने वाले किसान गोरधन राम सिहाग ने बेटे को अफसर बनाने के लिए 20 लाख रुपए का कर्ज तक ले रखा है।
सरकारी स्कूल से हुई सोहन लाल की शिक्षा
गोरधन राम सिहाग ने बताया कि तीसरे नंबर के बेटे सोहनलाल ने गांव रामनगर की जाटा राइका की ढाणी स्थित सरकारी स्कूल से सातवीं तक की पढ़ाई की। आठवीं निजी स्कूल से पास की। दसवीं गांव के ही सरकारी स्कूल से उत्तीर्ण की। 11वीं व 12वीं कोटा से की। कोटा में तैयारी करते वक्त सोहन लाल का आईआईटी बॉम्बे में चयन हो गया था। तब इन्हें 54वीं रैंक मिली थी।

30 को पता चलेगा कौनसा कैडर मिलेगा?
पिता गोरधन राम सिहाग कहते हैं कि बेटे सोहनलाल ने चौथे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की है। उसे आईएएस कैडर मिलता है या कोई दूसरा कैडर? इसका पता 30 जून को पता लगेगा। इसके बाद वह ट्रेनिंग पर चला जाएगा। फिलहाल घर पर ही है।

दो रुपए ब्याज दर से लिया उधार
गोरधन कहते हैं कि उन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाने व सोहनलाल को आईएएस अफसर बनाने के लिए जमीन गिरवी रखकर तो सहकारी समिति से साढ़े तीन लाख का कर्ज लिया। यह भी कम पड़ता दिखा तो अपने स्तर पर दो रुपए प्रति सौ रुपए की ब्याज दर से 20 लाख रुपए उधार लिए, जिनका ब्याज अभी भी चुका रहे हैं।
सोहन लाल के भाई-बहन की पढ़े-लिखे
बता दें कि किसान पिता गोरधन राम सिहाग और मनरेगा मजदूर मां मीरा देवी ने सोहनलाल के अलावा उसके दो बड़े भाइयों व छोटी बहन के भी स्कूल-कॉलेज की ओर बढ़ते कदम कभी नहीं रोके। बड़ा भाई श्रवण साइबर एक्सपर्ट है। वर्तमान में अमेरिका में रहकर PhD कर रहा है। दूसरा भाई वसंत राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहा है। जबकि सुमित्रा ने BEd कर रखी है।

रोजाना सात घंटे पढ़ाई कर पाया मुकाम
मीडिया से बातचीत में सोहनलाल कहते हैं कि बॉम्बे आईआईटी से बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही तय कर लिया था कि सिविल सेवा में जाना है। ऐसे में मुम्बई के बाद दिल्ली का रुख किया। यहां सिविल सेवा की तैयारी की। रोजाना सात घंटे पढ़ता था। शुरुआती तीन प्रयासों में अफसलता हाथ लगी, मगर चौथे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा 2021 में मेहनत रंग ले आई।