नई दिल्ली। ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद एक बार फिर से नीरज चोपड़ा इतिहास रच दिया है। वर्ल्ड चैंपियनशिप में नीरज चोपड़ा फाइनल मुकाबले में जबरदस्त प्रदर्शन किया और सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। हालांकि दो राउंड में उन्होंने फाउल थ्रो किया जिसकी वजह से वह गोल्ड मेडल नहीं जीत सके। वर्ल्ड चैंपियनशिप के क्वालिफायर राउंड में नीरज चोपड़ा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 88.39 मीटर तक जैवलिन फेंका था और फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी। यह नीरज चोपड़ा के करियर का तीसरा सर्वश्रेष्ठ थ्रो है। नीरज चोपड़ा ने फाइनल मुकाबले में 86.37 मीटर की दूरी तक थ्रो फेंका था। 90 मीटर से अधिक दूरी का थ्रो फेंककर एंडरसन पीटर्स ने गोल्ड मेडल जीता जबकि जैकुब वडलेच्ज ने कांस्य पदक अपने नाम किया।

हालांकि आज फाइनल मुकाबले में नीरज चोपड़ा की शुरुआत अच्छी नहीं हुई और उन्होंने पहला थ्रो फाउल किया था। वहीं दूसरी प्रयास में नीरज ने 82.39 मीटर लंबी दूरी का थ्रो फेंककर चौथे पायदान पर जगह बनाई थी। तीसरे प्रयास में नीरज ने 86.37 मीटर का थ्रो फेंक कर चौथे पायदान पर अपनी जगह को बनाए रखा। लेकिन चौथे प्रयास में नीरज ने 88.13 मीटर का थ्रो फेंककर तीसरे पायदान पर पहुंच गए थे। लेकिन पांचवे प्रयास में नीरज चोपड़ा ने फाउल थ्रो फेंका जिसके चलते वह पांचवे पायदान पर खिसक गए, लेकिन बावजूद इसके वह सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे।

बता दें कि भारत ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में आज से पहले सिर्फ एक मेडल जीता था। भारत की अंजू बॉबी जॉर्ज ने लंबी कूद में 2003 में कांस्य पदक अपने नाम किया था। 19 साल के बाद भारत ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल जीता है। नीरज चोपड़ा के सभी 6 थ्रो की बात करें तो इसमे तीन थ्रो फाउल रहे। पहला, पांचवा और छठा थ्रो फाउल रहने की वजह से नीरज चोपड़ा गोल्ड मेडल से दूर हो गए। लेकिन अच्छी बात यह है कि बाकी के तीनों ही थ्रो नीरज ने काफी अच्छे फेके। वहीं गोल्ड मेडल अपने नाम करने वाले एंडरसन की बात करें तो उन्होंने लगातार दो थ्रो 90 मीटर से अधिक की दूरी पर फेके। वहीं फाइनल मुकाबले में भारत की ओर से नीरज चोपड़ा के अलावा रोहित याद भी पहुंचे थे, लेकिन सिर्फ तीन थ्रो के बाद ही वह टॉप 8 से बाहर होकर मेडल की रेस से बाहर चले गए।