निर्माण एजेंसी के फेर में अटक गए बख्तियारपुर-ताजपुर पुल के निर्माण को राज्य कैबिनेट ने सोमवार को नया जीवन प्रदान करते हुए नए सिरे से निर्माण की प्रक्रिया आरंभ करने को ले 2875.20 करोड़ के नए इस्टीमेट को अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। वहीं पटना के शेरपुर से सारण के दिघवारा के बीच गंगा नदी पर बनने वाले छह लेन पुल के लिए जमीन अधिग्रहण को 316.71 करोड़ रुपए खर्च किए जाने को कैबिनेट की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गयी। शेरपुर-दिघवारा पुल का निर्माण एनएचएआइ द्वारा कराया जाएगा।

बख्तियारपुर-ताजपुर पुल का निर्माण चार लेन में होना है
बख्तियारपुर-ताजपुर पुल का निर्माण चार लेन में किया जाना है। पीपीपी मोड पर इस पुल का निर्माण कराया जा रहा था पर बीच में ही निर्माण एजेंसी ने अर्थाभाव में काम रोक दिया। बैैंकों ने भी एजेंसी को पैसा देना बंद कर दिया। इस परियोजना के लिए पुनरीक्षित इस्टीमेट 2875.20 करोड़ रुपए के अनुमानित व्यय को राज्य कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान की। वन टाइम फंड इनफ्यूजन के तहत 936 करोड़ रुपए परियोजना के शेष कार्य को पूरा करने में खर्च होगे।

- राज्य कैबिनेट ने पथ निर्माण विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृत किया
- – बख्तियारपुर-ताजपुर पुल के बचे निर्माण को पूरा करने पर खर्च होंगे 936 करोड़
- – शेरपुर-दिघवारा पुल के जमीन अधिग्रहण को ले 316.71 करोड़ की स्वीकृति

45.40 किमी लंबे पहुंच पथ का भी निर्माण कराया जाना है
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि 5.51 किमी लंबे इस पुल के साथ 45.40 किमी लंबे पहुंच पथ का भी निर्माण कराया जाना है। इस परियोजना पर अब तक 750 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। मार्च 2020 में ही इसे पूरा हो जाना था लेकिन धीमी गति की वजह से संबंधित कंपनी को टर्मिनेशन नोटिस दे दिया गया। उच्च न्यायालय के आदेश पर इस परियोजना को पुनर्जीवित करते हुए निर्माण एजेंंसी को बचे हुए काम को पूरा करना है।