अधिकारियों के अनुसार बीते दिनों विभाग में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में इसपर मंथन हुआ। बैठक में अधिकारियों ने कहा कि नई गाड़ियों में पीछे की सीट बेल्ट लगाने की व्यवस्था है, लेकिन पुरानी गाड़ियों में यह व्यवस्था नहीं है। इस संबंध में अधिकारियों ने कहा कि पुरानी गाड़ियों में यह करना संभव नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ी तो संबंधित गाड़ियों की एजेंसी के माध्यम से सीट बेल्ट लगाया जाएगा।

हालांकि इस व्यवस्था को लागू करने के पहले यह देखा जाएगा कि 15 साल से अधिक पुरानी कितनी गाड़ियां हैं। ऐसी गाड़ियों को फिटनेस देने के पहले पीछे वाली सीट में सीट बेल्ट लगाने को कहा जाएगा। इसके बाद ही उन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र दिया जाएगा। अभी सीट बेल्ट नहीं लगा रहे लोग बहार में अभी आगे की सीट पर बैठे लोगों के लिए सीट बेल्ट अनिवार्य किया गया है। लेकिन यह देखा जा रहा है कि अब भी ग्रामीण-शहरी इलाकों में गाड़ी चलाते समय ड्राइवर के साथ बैठे यात्री सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं।

विभाग ने तय किया कि जिन चालकों के साथ बैठे यात्री सीट बेल्ट नहीं लगा रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई हो। उनपर नियमानुसार अधिकतम जुर्माना लगाया जाए। विभाग ने सभी डीटीओ को निर्देश दिया है कि सीट बेल्ट के लिए अब सिर्फ शनिवार-रविवार को ही जांच अभियान नहीं चलाया जाएगा। इसकी नियमित जांच की जाएगी। ग्रामीण इलाकों में भी इस नियम का सभी लोग पालन करें, यह सुनिश्चितकिया जाएगा। विशेष तौर पर एनएच-एसएच पर किसी भी गाड़ी में इन नियमों का उल्लंघन करते चालक मिले, तो उनका तुरंत चालान काटा जाएगा।