पटना। राजधानी के हार्डिंग रोड स्थित हज भवन में गुरुवार को जदयू के दावत-ए-इफ्तार की राजनीतिक गलियारे में खूब चर्चा रही। यह दूसरा मौका था जब इस तरह के आयोजन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक साथ दिखे। अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोगों की भी मौजूदगी थी। मेजबान नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव व तेजप्रताप को उनकी कार तक आकर छोड़ा। हज भवन परिसर में मौजूद एक-एक रोजेदारों से मुलाकात की। इफ्तार के बाद रोजे की नमाज अदा की गई। मुख्यमंत्री सहित सभी रोजेदारों ने प्रदेश, समाज और देश में अमन-चैन व भाईचारे के माहौल के कायम रहने की दुआ मांगी। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हज भवन पहुंचने के कुछ देर बाद तेजस्वी यादव तेजप्रताप वहां पहुंचे। विधान पार्षद संजय कुमार सिंह ने उनकी अगवानी की। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मुख्यमंत्री के आने के पहले आ गए थे। मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव को रुमाली गमछा देकर उनका स्वागत किया। 

जदयू के इफ्तार में विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह, विधानसभा उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी, ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान सहित कई अन्य मंत्रियों की मौजूदगी थी। जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, बिहार स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष इरशादुल्लाह, बिहार स्टेट शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अफजल अब्बास, जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सलीम परवेज तथा मुख्य सचिव आमिर सुबहानी भी मौजूद थे। 

अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सलीम परवेज ने दावत-ए-इफ्तार की मेजबानी की। हाल के दिनों में यह दूसरा मौका रहा जब नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ दिखे। तेजस्वी को छोड़ने के लिए नीतीश कुमार खुद बाहर तक आए। हालांकि कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में तेजस्वी ने कहा कि इस मुलाकात को राजनीतिक दृष्टिकोण से न देखा जाए।आयोजन में सभी दलों के नेताओं की उपस्थिति रही।

राजद की इफ्तार पार्टी में पहुंचे थे नीतीश

करीब हफ्ते भर पहले राजद की इफ्तार पार्टी में नीतीश के पहुचंने से कई तरह की अटकलें तेज हो गई थीं। विपक्ष की ओर से तो सत्ता परिवर्तन की भी चर्चा चलने लगी थी। हालांकि इन सभी बातों पर सीएम नीतीश कुमार ने खुद ब्रेक लगा दिया था। मीडिया से बातचीत में नीतीश ने कहा था कि नेता प्रतिपक्ष की इफ्तार पार्टी में मेरे जाने का राजनीतिक मतलब न निकाला जाए।