पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2024 में विपक्ष के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कहे जाने की बात से हमेशा इनकार करते हैं. वहीं, उनकी पार्टी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (Lalan Singh) कहते हैं कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) में प्रधानमंत्री बनने के सारे गुण हैं, लेकिन वो प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं हैं. इसके बाद जेडीयू के नेताओं में इस बात को लेकर होड़ मची है कि नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार (Nitish Kumar PM Post Candidate) कैसे बनाया जाए. पूर्वी चंपारण जिला के मोतिहारी में जेडीयू के एमएलसी ख़ालिद अनवर के द्वारा एक सभा का आयोजन किया गया. इसमें दलित और मुस्लिम समाज के लोगों के बीच यह प्रस्ताव पारित करवाया गया कि 2024 में नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनें.

दरअसल जेडीयू के एमएलसी ख़ालिद अनवर की अगुवाई में दलित और मुस्लिम समाज के लोगों की एक सभा का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में जेडीयू के कार्यकर्ता भी मौजूद थे. सभा को संबोधित कहते हुए ख़ालिद अनवर ने कहा कि चंपारण की धरती क्रांति की धरती है. नीतीश कुमार देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठें इसको लेकर एक प्रस्ताव लाया जाए जिसमें चंपारण की जनता यह प्रण करे कि नीतीश कुमार को 2024 में भारत का प्रधानमंत्री बनाया जाए.

जिस आयोजन में यह प्रस्ताव लाया गया उसमें इस बात पर भी चर्चा हुई कि संविधान प्रेमी लोगों के लिए देश के अनुसूचित जाति व जनजाति और समाज के निचले पायदान पर खड़े लोगों को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत कैसे किया जाए. साथ ही सत्याग्रह की भूमि चंपारण के सभी वुद्धिजीवियों को इस बात के लिए तैयार  करना होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश का अगला प्रधानमंत्री कैसे बनाया जाए. इसके लिए जरूरी है कि इसकी शुरुआत चंपारण से हो और सर्वसहमति से एक प्रस्ताव पारित किया जाए. जिसे बाद में किया भी गया.