पटना. शुक्रवार को बिहार विधानसभा के विशेष सत्र का समापन हो गया. शुक्रवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा के नेतृत्व में पूरे विपक्ष ने समिति की रिपोर्ट सदन में पेश नहीं करने को लेकर काफी हंगामा किया. भाजपा के विधायकों का कहना था कि बिहार में घोटाले को दबाने के लिए कमिटी की रिपोर्ट सदन में पेश नहीं की जा रही. विशेष सत्र के समापन के बाद नेता प्रतिपक्ष ने सीएम नीतीश कुमार पर सीधा आरोप लगाया और कहा कि समिति की रिपोर्ट में सीएम नीतीश के सात निश्चय में बड़े स्तर पर घोटाले की बात है.

बिहार विधानसभा के समापन के बाद नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश सरकार पर गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा कि सरकार के दबाव में सदन की कार्यसूची को बदला गया था. कार्य सूची में आए गए विषय को क्यों रोका गया? सरकार को जबाव देना चाहिए. कार्य सूची बदलने के पीछे मकसद था कि किसी तरह से आचार समिति और विशेष समिति की रिपोर्ट को सदन में पेश नहीं हो. क्यों कि बुधवार को जब सदन में रिपोर्ट पेश हो जाती तो नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खुल जाती.
बिहार विधानसभा में नेता विरोधी दल विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि कमिटि ने करोड़ों के घोटाले की रिपोर्ट दी है. इसे सदन को जानने का अधिकार है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि हम दोनों मिलकर धमाल करेंगे. इनका धमाल शुरू हो गया है. यह लोग भ्रष्टाचार का कमाल करेंगे. भ्रष्टाचार और घोटाला के संबंध के प्रतिवेदन को सदन पटल पर नहीं लाना इसका प्रारंभ है.

विजय सिन्हा ने सीधे तौर पर कहा कि इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री का नाम है. विजय सिन्हा ने कहा कि जहां घोटाले हुए हैं वो सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट हैं. सीएम नीतीश कुमार के सात निश्चय और श्रम संसाधन विभाग के अंदर कौशल विकास से जुड़ा मामला है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज बिहार विधानसभा में नए अध्यक्ष का चयन हुआ है. हम लोगों ने संवैधानिक पद का सम्मान किया है और अपना समर्थन दिया है.