हम अक्सर ऐसे उदाहरण देखते रहते हैं. जहां लोग संसाधन ना होने की वजह से सब कुछ छोड़ छाड़ कर दूसरी दुनिया में व्यस्त हो जाते हैं और असफल होने की वजह भी संसाधन ही बताते हैं. कहते हैं उनके पास संसाधन मौजूद नहीं है. वहीं हमारे समाज के दूसरे हिस्से में चंद ऐसे लोग भी हैं. जो बगैर संसाधनों के भी सफलता हासिल करते हैं. सिर्फ वह अपनी मेहनत और दूरदृष्टि के दम पर यह सब कुछ हासिल करते हैं. इस आर्टिकल में हम एक लड़की के बारे में बताने वाले हैं. जिसने संसाधनों की कमी से जूझते हुए यूपीएससी की परीक्षा को पास किया. इसके पिता एक दुकान चलाते हैं इसने बिना कोचिंग का सहारा लिए इस परीक्षा में सफलता का परचम लहराया था.

सेल्फ स्टडी के दम पर पास की यूपीएससी परीक्षा
यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए अभ्यर्थी को जी तोड़ मेहनत करती है. बहुत सारे ऐसे अभ्यर्थी होते हैं. जो दिन में कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ाई करते हैं. रात में सेल्फ स्टडी करते हैं. इसके बावजूद भी उनका इस परीक्षा में सिलेक्शन नहीं हो पाता है, लेकिन नमामि बंसल उन लोगों में से एक हैं. जिन्होंने घर पर रहकर ही पढ़ाई की और सेल्फ स्टडी के दम पर ही यूपीएससी की परीक्षा को पास करके दिखा दिया. उत्तराखंड के ऋषिकेश से ताल्लुक रखने वाली नमामि बंसल ने 12 वीं कक्षा में 95 फ़ीसदी अंक प्राप्त किए थे. यही वजह रही इन्हें आसानी से ग्रेजुएशन में एडमिशन मिल गया. इन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया है.

बर्तन की दुकान चलाते हैं पिता
नमामि बंसल की आर्थिक परिस्थितियां क्या रही होंगी. इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं. इनके पिता राजकुमार बंसल एक बर्तन की दुकान चलाते हैं और यही एकमात्र स्रोत है. जिससे इनके घर का जीवन यापन हो पाता है. जब इनके पिता को पता चला कि उनकी बेटी ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा था. साल 2017 में नमामि बंसल को ग्रेजुएशन के दौरान गोल्ड मेडल भी मिला था. इसके बाद इन्होंने यूपीएससी की तैयारी करना शुरू कर दी थी.
इंटरनेट ने निभाया अहम रोल
आपने ज्यादातर अभ्यर्थियों के सफल होने के बाद जब बातें सुनी होंगी तो वह कहते हैं. सोशल मीडिया और इंटरनेट से हमें दूरी बना लेनी चाहिए. लेकिन नमामि बंसल उसके विपरीत है. इन्होंने इंटरनेट और सेल्फ स्टडी के दम पर ही इस परीक्षा में 17 वी रैंक अंक हासिल की थी. उन्होंने इंटरनेट पर सारी चीजों को विस्तार से पढ़ा था. पैसा ना होने की वजह से इन्होंने कोचिंग ज्वाइन नहीं करी थी, लेकिन जब यह परीक्षा में सफल हुई तो इन इनके माता-पिता काफी खुश थे. बता दें, नमामि बंसल आईएएस की तैयारी करने वाले तमाम युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं.